आपकी जो समस्या है वही समस्या अधिकतर छात्रों की है। हम आपको निम्नलिखित सुझाव दे रहे हैं, जिस पर काम कर आप अपने लिए एक उपयुक्त कोचिंग इंस्टीट्यूट चुन सकते हैं- बीते परिणामों का पता करें-अकसर कई कोचिंग इंस्टीट्यूट के कई फंरेचाइज सेंटर्स होते हैं और वे समाचार पत्र के पूरे पृष्ठ पर सफल छात्रों का विवरण और फोटो छाप कर नीचे लोकल सेंटर का पता दे देते हैं, जिससे पढऩे वाले को यह आभास होता है कि सभी सफल छात्र इसी सेंटर के हैं। ऐसे भ्रामक विज्ञापनों से बचें। सेंटर पर जाकर पता करें कि इस सेंटर से बीते वर्षों में कितने छात्रों का चयन हुआ है। फैकल्टी प्रोफाइल-किसी भी कोचिंग इंस्टीट्यूट का आधार वहाँ की फैकल्टी होती है, इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि दाखिले से पहले उन इंस्टीट्यूट की फैकल्टी की योग्यता तथा अनुभव के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली जाए। स्टडी मैटीरियल- रेगुलर असेसमेंट और विषयवार स्टडी मैटीरियल उपलब्ध कराना हर कोचिंग इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी है। वहाँ पढ़ रहे किसी छात्र से मैटीरियल लेकर अपने स्कूल शिक्षक को दिखा लेने पर मैटीरियल के स्तर का पता चल जाएगा। यह भी जाँच लें कि पढ़ाई के दौरान रेगुलर असेसमेंट टेस्ट होते रहते हैं या नहीं। छात्रों से बातचीत-जब आप दाखिले के लिए किसी कोचिंग क्लास में जाएँ तो वहाँ पहले से पढ़ रहे छात्रों से बात करने का अवसर तलाश लें, क्योंकि उनसे बेहतर वहाँ के बारे में कोई नहीं बता सकेगा। सोशल मीडिया का सहारा लें-फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के इस युग में कोई भी गलत बात बहुत दिनों तक छुपी नहीं रह सकती है। इससे आप उन छात्रों से संपर्क करने में कामयाब हो सकते हैं, जिनका विवरण कोचिंग इंस्टीट्यूट दे रहा है। सोशल मीडिया से आपको दूसरे अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट की जानकारी भी अवश्य मिल जाएगी। डेमो क्लास-किसी भी कोचिंग क्लास में फीस भरने से पहले 2-4 दिन की डेमो क्लास कर लें इससे उस कोचिंग के टीचिंग मैथड से आप परिचित हो पाएँगे। यदि आपको उपयुक्त लगे तो उसके बाद फीस जमा कर रेग्युलर क्लास ज्वाइन कर सकते हैं, अन्यथा दूसरी कोचिंग ट्राय करें।