आइसक्रीम न सिर्फ खाने में बहुत अच्छी लगती है वरन इसमें पोषक तत्वों की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। यह वृहद मात्रा में खपने वाला एक खाद्य पदार्थ है, जो सबको विशेषकर बच्चों को बहुत अधिक प्रिय होता है। आइसक्रीम पूरे विश्व में एक समान रूप से खाई जाती है तथा आजकल सभी उत्सवों या विशेष आयोजनों का आवश्यक हिस्सा बनती जा रही है। चूँकि आइसक्रीम के बनाने के तरीके भी प्रचुर हैं तथा इसके परोसने के ढंग भी बहुत सारे तथा आकर्षक हैं अत: आजकल आइसक्रीम के कोन सभी जगह लोकप्रिय होते जा रहे हैं। ये कोन्स विभिन्न रंगों, आकारों, बनावटों तथा विभिन्न स्वादों में भी उपलब्ध हैं। आइसक्रीम के कोन बनाने का व्यवसाय लाभप्रद, आसानी से चलाया जा सकने वाला तथा कम जोखिम वाला व्यवसाय है। इसकी निर्माण प्रक्रिया बहुत सरल तथा कम समय में पूर्ण होने वाली है। आइसक्रीम कोने के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मशीनें अर्ध-स्वचालित उच्च क्षमता वाली मशीनें हैं। इन मशीनों में कई पंक्तियों में बैकिंग के साँचे रखे होते हैं जो निश्चित बनावट व आकार के होते हैं। ऊपरी भाग साँचों का आकार तय करता है तथा नीचे का भाग दो भारी उच्च गति वाले स्टील कॉलम्स के बीच रखा रहता है तथा ये दोनों तरफ भार द्वारा संतुलित रहता है, यह हाथ के लीवर द्वारा चलता है। कोन मशीन का सामान्य आकार-प्रकार साँचों की संख्या के साथ बदलता रहता है। इस इकाई की स्थापना करने के लिए सामान्यत: 300-400 वर्गफीट भूमि की आवश्यकता होती है। आवश्यक विद्युत संधारण 6-10 किलोवॉट के मध्य होता है। निर्माण प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रत्येक मशीन पर न्यूनतम तीन कर्मचारियों का होना जरूरी है। आइसक्रीम मिश्रण बनाने के लिए एक स्टेनलेस स्टील का मोटरयुक्त बैटर मिक्सर काम में लाया जाता है। आइसक्रीम के कोन के निर्माण में लगने वाले प्रमुख पदार्थ हैं, गेहूँ का आटा, स्टार्च, सोडा, नमक, लेसीटीन, परिष्कृत तेल, प्रिजर्वेटिव्स, खाद्य रंग, पानी आदि। ये सभी पदार्थ सामान्य हैं तथा किसी भी स्थानीय बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। गेहूँ के आटे, मक्के के स्टार्च, वानस्पतिक वसा, प्रिजर्वेटिव, रंग आदि को इक_ïा करके बैटर मिक्सर में पेस्ट बना लिया जाता है। साँचों को लीवर की सहायता से खोला और बंद किया जाता है। साँचों को एक विशेष डोसिंग डिवाइस की सहायता से भरा जाता है। इसके पश्चात साँचों को बंद कर दिया जाता है। ये अपने आप विद्युत प्रवाह द्वारा तप जाते हैं। इसमें तापमान नियंत्रक एक समान गर्म तथा भुनाई करता है। रोके जाने की प्रक्रिया के अंत में निचला साँचा खुल जाता है तथा कोन एक बर्तन में इक_ïा हो जाते हैं। एक ही प्रक्रिया में साँचे खुलते हैं तथा कोन बाहर निकल आते हैं। ये कुरकुरे खस्ता कोन्स फिर कारूगेटेड बक्सों में पैक कर बाजार में विपणन के लिए भेज दिए जाते हैं। वेफर बिस्किट का निर्माण- जैसे-जैसे क्रीम युक्त बिस्किट बच्चों में लोकप्रिय होते जा रहे हैं। इनकी माँग भी निरंतर बढ़ती जा रही है। सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय,कम्पनियाँ वेफर बिस्किटों का उत्पादन कर रही हैं। वेफर्स का उपयोग चॉकलेट बनाने वाली कम्पनियों द्वारा अपनी ‘क्रिस्पी क्रंची चोको बार्स’ चॉकलेट बनाने में भी बड़ी मात्रा में किया जाता है। वेफर बिस्किटों का बाजार उत्तरोत्तर प्रगति करता जा रहा है, अत: किसी भी उद्यमी के लिए यह कार्य दुगुना लाभप्रद रहेगा कि वह एक ही ब्रांड के अंतर्गत आइसक्रीम के कोन तथा वेफर्स का निर्माण करे। यह इसलिए कि दोनों पदार्थों के निर्र्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ लगभग समान होते हैं तथा इनके निर्माण प्रक्रिया में बहुत कम मशीनों की आवश्यकता होती है। यह कार्य काफी सुविधाजनक व आर्थिक दृष्टिï से लाभकारी है। वेफर बिस्किट के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मशीनें हंै- वेफर बेकिंग मशीन बैटर मिक्सर, क्रीम मिक्सर मशीन, क्रीम लगाने वाली मशीन, आदि। ये अर्ध स्वचलित मशीनें हैं जो मोटर युक्त होती हैं तथा विद्युत ऊर्जा से चलाई जा सकती हैं। इसकी निर्माण प्रक्रिया अत्यन्त सरल है। सर्वप्रथम सारे पदार्थों जैसे मैदा, स्टार्च, नमक, रंग, प्रिजर्वेटिव्स तथा वनस्पति घी को पानी की आवश्यक मात्रा के साथ बैटर मिक्सर में डाल देते हैं। तैयार मिश्रण तत्पश्चात पूर्व से तपे हुए बेकिंग चिमटों पर रख दिया जाता है। सेंकने में 2-3 मिनट लगते हैं। सिकी हुई प्लेटों को ठण्डा किया जाता है। इसके बाद क्रीम मिक्सर मशीन की सहायता से उन पर क्रीम लगाया जाता है। इस क्रीम मिक्सर में विभिन्न स्वाद जैसे नींबू,संतरा, स्ट्रॉबेरी तथा चॉकलेट क्रीम बनाई जाती हैं। इच्छित स्वाद युक्त क्रीम को क्रीम लगाने वाली मशीन में डाल दिया जाता है। क्रीम लगाने वाली मशीन क्रीम लगाकर वेफर्स को सेण्डविच जैसा आकार दे देती है। जब वेफरों की प्लेटों पर क्रीम लग जाती है, उसके बाद उन्हें वेफर कटिंग मशीन में भेजते हैं। यह मशीन अर्ध स्वचालित होती है तथा 2 हार्सपॉवर मोटर से युक्त होती है। यह मशीन वेफरों को बारीक छल्लों अथवा इच्छित आकारों में काटती है। इसमें लगे हुए कटर बार अलग-अलग आकारों के बिस्किट काटने के लिए निर्धारित किए जा सकते हैं। यह व्यवसाय कम पूँजी निवेश तथा कम मजदूरों के कारण नि:सन्देह लाभप्रद है। इस इकाई से संबंधित विस्तृत विवरण के लिए आप अपने जिले में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र से संपर्क करें।