इस समय युवाओं के करियर के मद्देनजर आर्किड फ्लावर्स की खेती अच्छे करियर के रूप में दिखाई दे रही है। वस्तुतः आर्किड, पौधों का एक कुल है जिसके सदस्यों के फूल अत्यंत सुंदर और सुगंधयुक्त होते हैं। आर्किडों को रंग रूप में विलक्षण विचित्रता है। आर्किडों का सारा महत्व इनकी सुंदरता तथा सजधज में है। इनमें से कुछ आर्किड से विशेष प्रकार के इत्र भी प्राप्त होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आर्किड फ्लावर्स प्राय: भूमि पर अथवा दूसरे पेड़ों पर आश्रय ग्रहण कर उगते हैं और कुकुरमुत्ते के समान मृतभोजी जीवन बिताते हैं। मृतभोजी आर्किडों में पर्णहरिम (क्लोरोफ़िल) नहीं होता है। आर्किड को विभिन्न प्रकार की भूमियों में उगाया जा सकता है। उचित जल निकास वाली रेतीली दोमट भूमि इसके लिए सर्वोत्तम मानी गई है। निसंदेह आर्किड फ्लावर्स की खेती लाभप्रद व्यवसाय है। मध्यप्रदेश में आर्किड फ्लावर्स की व्यावसायिक खेती की अच्छी संभावनाएँ है। आर्किड फ्लावर्स की खेती नवम्बर से अप्रैल के महीने तक की जा सकती है। आर्किड की खेती शेडनेट में की जाती है। आर्किड फूलों का निर्यात भी किया जाता है। भौगोलिक स्थिति एवं उपयुक्त जलवायु का लाभ लेते हुए इन फूलों को कम कीमत में उस समय उत्पादित किया जा सकता है जब कई देशों के बाजारों में इनकी कमी महसूस की जाती है। यह जरूरी है कि आर्किड फ्लावर्स की खेती शुरू करने से पहले इसकी खेती संबंधी पर्याप्त अनुभव लिया जाए। आर्किड फ्लावर्स के बाजार संबंधी विस्तृत जानकारी ली जाए और फिर आर्किड फ्लावर्स की खेती की जाए।