आप अपनी क्षमता, रुचि और जरूरत के अनुरूप अपना लक्ष्य तय करें । आप चूँकि कामर्स पृष्ठभूमि के विद्यार्थी हैं इसलिए इसी क्षेत्र में कैरियर चुनें तो बेहतर रहेगा । एकाउंटेंट, एमबीए, सीए, सीएस जैसे परम्परागत क्षेत्रों के अलावा इन दिनों बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए), बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज (बीबीएस), बैचलर ऑफ मैनेजमेंट साइंस (बीएमएस), बैचलर ऑफ ई-कॉमर्स जैसे पाठ्यक्रमों की धूम है । आप चाहें तो 12 वीं के बाद एक्सपोर्ट मैनेजमेंट अथवा पाँच वर्षीय मास्टर ऑफ बिजनेस स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं । वाणिज्य स्नातक चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) कर सकते हैं । सीएफए की सरकारी व गैर सरकारी वित्तीय संस्थानों, बैंकों, क्रेडिट एजेंसियों, बीमा क्षेत्र आदि में बेहद माँग है । कामर्स में स्नातक छात्र एलएलबी करने के बाद कारपोरेशन लॉ, बिजनेस लॉ, पेटेंट लॉ, इंटरनेशनल ट्रेड लॉ, बैकिंग लॉ, इनवायरमेंटल लॉ, टैक्सेशन लॉ और रियल स्टेट लॉ आदि क्षेत्रों में कैरियर बना सकते हैं । ट्रेजरी मैनेजमेंट, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, फाइनंेशियल मैनेजमेंट, इक्विटी रिसर्च एंड एनालिसिस, बीमा व इंटरनेट बैंकिंग में भी कॉमर्स की पृष्ठभूमि के ही लोग ज्यादा सफल हैं ।