इंटीरियर डिजाइनिंग के तहत स्थान की प्लानिंग की जाती है तथा अंदरुनी जगह की सजावट की जाती है चाहे फिर वह घर हो, दफ्तर, होटल, सरकारी भवन या शोरूम जैसे वाणिज्यिक संस्थान हों। इंटीरियर डिजाइनिंग के अंतर्गत योजना, डिजाइन, निर्माण, पुनर्निर्माण, पुनरुद्धार और सज्जा सभी कुछ शामिल है। किसी भी स्थान की इंटीरियर डिजाइनिंग का मुख्य उद्देश्य कार्यक्षमता निर्मित करना तथा सही बजट में सही वातावरण तैयार करना होता है। इंटीरियर डिजाइनिंग का कार्य करने वाले को इंटीरियर डिजाइनर कहते हैं। इंटीरियर डिजाइनर जहाँ एक ओर किसी स्थान की साज-सज्जा करता है, उसे सुंदर बनाता है, ऐसेसरीज जोडता है वहीं दूसरी ओर वाल्यूम का ध्यान रखकर जगह प्लान करता है, इसके पश्चात उस स्थान का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या समझता है और फिर आगे की कार्यवाही करता है। इंटीरियर डिजाइनिंग के विभिन्न कोर्सों में प्रवेश हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इंटीरियर डिजाइनिंग में कॅरियर बनाने के लिए आर्किटेक्चर में पाँच वर्षीय डिग्री कोर्स सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। विज्ञान समूह से बारहवीं उत्तीर्ण छात्र इंटीरियर डिजाइनिंग के डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। इसके अलावा किसी भी विषय में बारहवीं करने वाले छात्र इंटीरियर डिजाइनिंग में 1 से 2 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। इसमें से कई पाठ्यक्रमों में प्रैक्टिकल कार्यों द्वारा आवश्यक कार्य अनुभव प्रदान किया जाता है। अधिकांश शहरों के पॉलीटेक्निक और वोकेशनल ट्रेनिंग स्कूलों में इस तरह के कोर्स संचालित किए जाते हैं। जिस तरह से इन दिनों रीयल एस्टेट, प्रापर्टी और बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का जबर्दस्त दौर चल रहा है, इसे देखते हुए इंटीरियर डिजाइनरों के लिए बहुत संभावनाएँ हैं। वे चाहें तो स्थापित इंटीरियर डिजाइनर संस्थान, आर्किटेक्ट फर्म या कंसल्टेंसी फर्मों या बिल्डर और कॉन्टे्रक्टर के साथ काम कर सकते हैं। वे बड़ी होटलों, हॉस्पिटलों, शॉपिंग मॉल या डिजाइन स्टूडियो और फर्नीचर स्टोर्स में डिजाइन कंसल्टेंट के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। टीवी शो में भी इनकी खासी माँग है। नई संरचनाओं के अलावा इंटीरियर डिजाइनर्स मौजूदा संरचनाओं के नवीनीकरण, विस्तार या पुनरुद्वार का काम कर सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनर थिएटरों में सेट डिजाइनर का दायित्व निभा सकते हैं या ड्रामा प्रोडक्शन और म्युजिकल शो में सेट बना सकते हैं। साथ ही खुद अपनी फर्म स्थापित कर न्यूनतम निवेश कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनर्स की आय उनके डिजाइनिंग कार्य पर निर्भर करती है। फिर भी शुरुआती वेतन 15 से 25 हजार रुपए मासिक होता है जो अनुभव बढऩे के साथ-साथ बढक़र 75 से एक लाख रुपए मासिक तक हो सकता है। स्वयं का व्यवसाय करने वालों के लिए इस क्षेत्र में आय की कोई सीमा नहीं है। इंटीरियर डिजाइनिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पालडी, अहमदाबाद। जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, डॉ. डीएन रोड, फोर्ट, मुंबई। द स्कूल ऑफ इंटीरियर डिजाइन, यूनिवर्सिटी रोड, अहमदाबाद। एसएनडीटी वूमन यूनिवर्सिटी, नाथीबाई ठाकरसे रोड, मुंबई। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर।