वर्तमान समय में किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्रबंधन एक जरूरी शर्त हो गई है, इसलिए बिजनेस मैनेजमेंट से शुरू हुए मैनेजमेंट कोर्स अब अन्य क्षेत्रों में भी करवाए जाने लगे हैं, जैसे इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट आदि। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट (आयात-निर्यात प्रबंधन) ऐसा ही एक लोकप्रिय रोजगार क्षेत्र बन गया है। स्थानीय बाजार की एक साधारण गतिविधि से बढक़र आज इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट विभिन्न देशों के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों का मुख्य अंग बन चुका है। चूँकि भारत के विदेश व्यापार में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है और व्यापार बढ़ रहा है इसलिए इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट का स्कोप भी बढ़ता जा रहा है। आजकल एक्सपोर्ट डॉक्यूमेंटेशन, एक्सपोर्ट प्रोसीजर्स, फॉरेन पॉलिसी, एक्जिम पॉलिसी आदि विषयों में स्पेशलाइजेशन करने वाले प्रोफेशनल्स की बाजार में बहुत माँग है। यदि छात्रों केे बीच बढ़ते रूझान की बात की जाए तो इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट पाठ्यक्रम छात्रों द्वारा खूब पसंद किए जा रहेे हैं। भारत में ज्वेलरी और रत्नों से लेकर कपड़ों, कॉस्मेटिक्स, सॉफ्टवेयर, फुटवेयर व केेमिकल्स तक बहुत-सी वस्तुओं का निर्यात बीते एक दशक में खूब बढ़ा हैै। व्यापार बढऩे के कारण इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट में संभावनाएँ भी बढ़ी हैैं। भूमंडलीकरण केे बाद कई देशों केे बीच व्यापार की रूकावटेें भी खत्म हो गई हैैं, जिससे व्यापार केे कई आयाम भी सामनेे आए हैैं। गौरतलब है कि इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट के तहत कंपनी के प्रोडक्ट की मार्केटिंग से लेकर व्यापार से संबंधित डॉक्यूमेंटेशन, सामान की पैकेजिंग और शिपिंग तक का काम आता है। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत इंटरनेशनल ट्रेड से संबंधित हर एक गतिविधि आती हैै। विदेशी खरीदारों और एजेंट्स केे साथ सेल्स, डिस्ट्रीब्यूशन, कॉन्टे्रक्ट और पेमेंट््स इत्यादि केे बारेे में डील करना इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजर का मुख्य काम होता हैै। ट्रांसपोर्टेेशन, लाइसेंसिंग एग्रीमेंट्स, पैकिंंग और कस्टम क्लियरेंस इत्यादि की व्यवस्था देखना भी इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजर का काम हैै। इंपोर्ट-एक्सपोर्ट कंपनियों और देसी-विदेशी क्रेता-विक्रेताओं केे बीच सामंजस्य बिठाना, सामान की डिलिवरी, टैक्स प्लानिंग, कस्टम की औपचारिकताएँ पूरी करना आदि भी इन्हीं का काम होता हैै। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट से जुड़े स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम में दाखिले केे लिए आवेदक का 12वीं पास होना तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम केे लिए स्नातक होना अनिवार्य है। देश केे कई संस्थानों में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट केे कोर्स उपलब्ध हैैं। इंटरनेशनल ट्रेड में एमबीए करने केे लिए स्टूडेंट््स को एक कंबाइंड एडमिशन टेेस्ट देना होता है। कुुछ प्रायवेट इंस्टीट््यूट््स इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट और इंटरनेशनल ट्रेड में पीजी डिप्लोमा कोर्स करवाते हैैं। कुछ संस्थान एडमिशन केे लिए एंट्रेंस टेेस्ट भी लेते हैं। इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट केे कोर्स केे बाद एक्सपोर्ट हाउसेज, ट्रेडिंंग कंपनीज, वेयर हाउसेज स्टार ट्रेडिंंग हाउसेज, सुपर स्टार ट्रेडिंंग हाउसेज, एक्सपोर्ट ओरिएंटेेड यूनिट््स, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स आदि में काम की अच्छी संभावनाएँ होती हैैं। इसकेे अलावा एक्सपोर्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट केे रूप में कार्गो क्लियरिंग और हैंडलिंग केे क्षेत्र में, ग्लोबल लॉजिस्टिक कंपनी, मैरीन इंश्योरेेंस कंपनियों और पैकेेजिंग इंडस्ट्री में भी काम किया जा सकता है। इस क्षेत्र में दो तरह केे कार्य होते हैं, पहला- मर्चेंडाइजिंग या व्यापार और दूसरा प्रोडक्शन यानी उत्पादन। दोनों ही क्षेत्रों में रोजगार केे अच्छे अवसर विद्यमान हैैं। वेतन की स्थिति कंपनी और काम करने वाले व्यक्ति की योग्यता पर निर्भर करती है। कंंपनी अगर बहुुराष्टï्रीय हो तो इस क्षेत्र में वेतन काफी अच्छा मिलता हैै। यहाँ यह 50 से 75 हजार रुपए मासिक तक हो सकता है। देशी कंंपनियाँ अपेक्षाकृत कम वेतन देती हैैं फिर भी 25 हजार रुपए मासिक आप आसानी से पा सकते हैं। फिर इस क्षेत्र में विदेश यात्रा आदि की संभावनाएँ काफी होती हैैं। विदेश में नियुक्ति हो तो वेतन और अधिक मिलता हैै। विदेश व्यापार एवं इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख विश्वविद्यालय/संस्थान इस प्रकार हैैं- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, बी-21, कुतुब इंस्टीट््यूशनल एरिया मेहरोली, नई दिल्ली। फॉरेेन ट्रेड डेेवलपमेंट, सेंटर, 21 बाराखंंबा रोड, नई दिल्ली। सिम्बायोसिस इंस्टीट््यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, सेनापति बापट मार्ग, पुणे। एमिटी बिजनेस स्कूल, सेक्टर 44, नोएडा। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।