एंथ्रोपोलॉजी को मानव विज्ञान या मानवशास्त्र भी कहा जाता है । यह वह विज्ञान है, जिसमें मानव की उत्पत्ति और शारीरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास और व्यवहार का अध्ययन विभिन्न कालों और परिस्थितियों के आधार पर किया जाता है । व्यावसायिक मानव विज्ञानियों की संख्या के मामले में विश्व में भारत का स्थान अमेरिका के बाद दूसरा है । भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण विभाग (एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) विश्व की सबसे बड़ी नियोजक संस्था है, जो मानववेत्ताओं को नियुक्त करती है । विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी एवं स्वयंसेवी संगठनों में भी विभिन्न पदों पर कार्य किया जा सकता है । यूनेस्को या यूनिसेफ जैसी विदेशी संस्थाओं में भी रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं । विभिन्न संस्थाएँ जैसे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, प्लानिंग कमीशन और एनजीओ आदिम समाजों के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं की नियुक्तियाँ भी करता है । म्यूजियम में भी एंथ्रोपोलॉजिस्ट की माँग होती है । अपना कार्य करने के इच्छुक एंथ्रोपोलॉजी से जुड़े लोग एनजीओ खोल सकते हैं । देश के 21 विश्वविद्यालय स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर इस विषय को पढ़ाते हैं । एंथ्रोपोलॉजी विषय की पढ़ाई आर्ट्स और साइंस दोनों ही फैकल्टी के छात्र कर सकते है । 10 + 2 किसी भी संकाय-कला, वाणिज्य से करने के बाद एंथ्रोपोलॉजी में बीए और एमए किया जा सकता है । वहीं 10 + 2 फिजिक्स, कैमेस्ट्री और बॉयोलॉजी के छात्र एंथ्रोपोलॉजी में बीएससी और एमएससी कर सकते हैं । इसके बाद स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है । इसमें एम.फिल एवं पीएचडी की उपाधि भी प्राप्त की जा सकती है । मानव विज्ञान से संबंधित स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम निम्न संस्थानों में उपलब्ध हैं - राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, नई दिल्ली । आई.आई.एम.एच.आर, जयपुर ड्ड डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर, म.प्र., एंथ्रोपोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता ड्ड दक्कन कॉलेज, पुणे, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी ड्ड कानपुर यूनिवर्सिटी, कल्याणपुर, कानपुर ।