एनिमल ब्रीडर का मुख्य कार्य पशुओं, पक्षियों तथा मछलियों की प्रजातियों में सुधार करना तथा उनकी उत्पत्ति संबंधित सिद्धांतों का अनुप्रयोग करना होता है। वह इनके रखरखाव का वैज्ञानिक तरीका अपनाकर इनके पोषण व आनुवांशिकी में सुधार एवं बीमारियों से बचने के तरीकों के द्वारा इनके प्रदर्शन में सुधार करता है। एनिमल ब्रीडर के रूप में कॅरियर बनाने के लिए उम्मीदवार को एनिमल जेनेटिक्स एंड एनिमल ब्रीडिंग में पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी है। एनिमल ब्रीडर के रूप में कॅरियर बनाने के लिए छात्र को पोस्ट ग्रेजुएट एवं पीएच.डी. लेवल पर संबंधित सरकार एवं इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च द्वारा स्कॉलरशिप भी प्रदान की जाती है। एनिमल जेनेटिक्स एंड ब्रीडिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर। इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर। राजस्थान एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, बीकानेर, राजस्थान। चौधरी चरणसिंह एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, मथुरा, उत्तरप्रदेश।