पारिस्थितिकी संकट के वर्तमान दौर में एन्वायर्नमेंटल इंजीनियर्स की माँग बहुत तेजी से बढ़ रही है। आज इस क्षेत्र के युवा प्रोफेशनल्स की माँग देश ही नहीं अपितु विदेश में भी है। इंजीनियरिंग के अलावा पर्यावरण में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए यह एक चमकीला करियर है। देश की कई यूनिवर्सिटीज में एन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग पर आधारित कई तरह के कोर्सेज संचालित किए जा रहे हैं। ये बैचलर और मास्टर्स डिग्री के स्तर से लेकर पीएचडी तक हैं। एन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग के कोर्स में इंट्रेंस टेस्ट के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। बारहवीं में गणित विषय समूह के साथ विज्ञान विषयों की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ही इस प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं। चार साल की इंजीनियरिंग डिग्री के बाद इस क्षेत्र में एमटेक कर सकते हैं। मेरिट प्राप्त छात्रों के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज से स्कॉलरशिप के साथ पीएचडी करना भी बहुत ही आसान है। एन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के उपरांत सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर नौकरियों के अवसर हैं। इसके अलावा एन्वायर्नमेंट टीचिंग एक अन्य क्षेत्र है, जहाँ पर प्रशिक्षित लोगों की बहुत माँग है। एन्वायर्नमेंटल इंजीनियरिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान इस प्रकार हैं- • मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल। • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, मुंबई। • गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली। • आईआईटी, कानपुर (उ.प्र.)। • मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद। • राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा (राजस्थान)। • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)। • विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, बेलगाँव (कर्नाटक)।