प्रत्येक विमान के नियमित रख-रखाव एवं उड़ान के लिए कई एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर्स एवं तकनीशियन का होना अनिवार्य होता है। कोई विमान तब तक उड़ान नहीं भर सकता जब तक कि एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर द्वारा उस विमान को उड़ान योग्य प्रमाणपत्र नहीं दे दिया जाता। एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर हेतु विमानन उद्योग में रोजगार के अवसर उपलब्ध संपदा से कहीं अधिक हैं। इसी वजह से शायद ही ऐसा आकर्षक वेतन किसी अन्य क्षेत्र में मिलता हो। वर्तमान में स्थिति यह है कि देश में एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरों के न होने के कारण इस क्षेत्र में उच्च वेतनमान पर दूसरे देशों की सेवाएँ ली जा रही हैं। आज एयरलाइंस में एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर का प्रारंभिक वेतन ही 50 हजार रुपए मासिक से अधिक है जो अनुभव के साथ लाखों में पहुँच जाता है। देश में महानिदेशक, सिविल विमानन विभाग (डीजीसीए) भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों में एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियंरिंग की शिक्षा दी जाती है । ये संस्थाएँ डीजीसीए द्वारा स्वीकृत तीन वर्षीय लाइसेंस कोर्स पाठ्यक्रम पढ़ाती हैं । संस्था की आंतरिक परीक्षाओं में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने पर डीजीसीए द्वारा आयोजित एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग परीक्षा में छात्रों को सम्मिलित कराया जाता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर उन्हें एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग का लाइसेंस डीजीसीए द्वारा प्रदान किया जाता है, तभी वह एयरक्रॉफ्ट को उड़ान योग्य प्रमाणित कर सकता है । लाइसेंस धारकों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से डीजीसीए द्वारा साल में तीन बार लाइसेंस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए सरकार द्वारा न्यूनतम योग्यता बारहवीं या समकक्ष (भौतिकी, रसायन व गणित में कुल न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक) होना अनिवार्य है । एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस का पाठ्यक्रम कराने वाले कुछ प्रमुख मान्यता प्राप्त संस्थान इस प्रकार है- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स, 18/55 पंजाबी बाग, नई दिल्ली । इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल साइंस, बी- 22, मेन रोहतक रोड, मुल्तान नगर, नई दिल्ली। भारत इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोनॉटिक्स,पटना एयरपोर्ट, पटना-14।