निश्चित रूप से ग्राफिक डिज़ाइनिंग क्रिएटिव फील्ड में से एक है। इसमें टेक्स्ट और ग्राफिक की हेल्प से मैसज को अट्रैक्टिव बनाना होता हैं। मुख्य रूप से ग्राफिक डिजाइनर का काम अपने क्लाइंट के लिए ऐसे क्रिएटिव आइडिया तैयार करना होता है, जो उसके क्लाइंट के इंस्टीट्यूट को अलग पहचान दे सकें। इस काम के लिए क्रिएटिविटी सबसे पहली जरूरत है। किसी भी प्रोडक्ट को उसकी पहचान बनाने में ग्राफिक डिज़ाइनर की बहुत बड़ी भूमिका होती हैं। ग्राफिक डिज़ाइनर बनने के लिए 12वीं पास होना बहुत जरूरी है साथ ही ग्रेजुएट के बाद भी डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं इसके अलावा फाउंडेशन कोर्स से लेकर चार साल तक के डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं जिनमें बैचलर इन फाइन आर्ट्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन, ग्रेजुएट डिप्लोमा इन डिजाइन, विजुअल कम्युनिकेशन डिजाइन, एडवरटाइजिंग एंड विजुअल कम्युनिकेशन, एप्लाइड आर्ट्स एंड डिजिटल आर्ट्स, प्रिंटिंग एंड मीडिया इंजीनियरिंग प्रमुख कोर्सेस है। ग्राफिक डिज़ाइनिंग से जुड़े कोर्सेस करने के बाद इस क्षेत्र में ग्लोबलाइजेशन के मौजूदा दौर में जॉब की बेहतर संभावनाएं हैं| एक क्रिएटिव ग्राफिक डिजाइनर्स को वेबसाइट, एडवरटाइजिंग एजेंसी, किताबें, पत्रिकाएं, पोस्टर्स, कम्प्यूटर गेम्स, प्रोडक्ट पैकिजिंग, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, कॉर्पोरेट आइडेंडिटी जैसी जगहों पर काम मिल जाता है|