कम्प्यूटर के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए । कम्प्यूटर कोर्स का चुनाव अपनी रुचि को ध्यान में रखकर करना चाहिए । आपको यह मालूम करना चाहिए की जो कोर्स आप करना चाहते हैं, उसकी आने वाले चार-छह वर्षों में कितनी वैल्यू होगी तथा उस कोर्स को करने से भविष्य में आपको क्या-क्या लाभ हो सकते हैं । जिस इंस्टीट्यूट में आप कोर्स करने जा रहे हैं क्या उसके पास वह कोर्स कराने की पर्याप्त मान्यता है ? कहीं भी एडमीशन लेने या फीस जमा करवाने से पहले दो चार अन्य इंस्टीट्यूटों में जाकर भी फीस एवं सुविधाओं का पता लगा लिया जाए । किसी भी इंस्टीट्यूशन में प्रवेश लेने से पूर्व उसकी प्लेसमेंट क्षमता के बारे में भी पूरी जानकारी प्राप्त कर लेना अत्यंत लाभदायक सिद्ध हो सकता है । इस बात पर भी गौर कर लेना चाहिए कि इंस्टीट्यूट में लगे कम्प्यूटर पुराने तो नहीं हैं यदि ऐसा हो तो उस इंस्टीट्यूट को अवॉयड करना ही ठीक होता है । गवंर्नमेंट ऑफ इंडिया से रिकग्नाइज्ड, एफिलिएटेड और एप्रूव्ड शब्दों में फर्क है इसका ध्यान रखें । वह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत सरकार की संस्था डीओईएसीसी चार लेवल की परीक्षाएँ आयोजित करता है- ओ-फाउंडेशन, ए- एडवांस्ड डिप्लोमा, बी-ग्रेजुएट तथा सी- पोस्ट ग्रेजुएट लेवल हैं । ये कोर्स संचालित करने की मान्यता किसी कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर को एक निश्चित अवधि के लिए ही दी जाती है, सदा के लिए नहीं । अत: यह पता कर लेना जरूरी है कि संस्थान के पास शासन की मान्यता है अथवा नहीं ? इस तरह उक्त जानकारियाँ प्राप्त करके आप एक अच्छे प्रशिक्षण संस्थान में जो उक्त मापदंडों पर खरा उतरता हो, एडमीशन ले सकते हैं ।