कार्टूनिंग एक मायने में जन्मजात प्रतिभा होती है । आप इसे प्रशिक्षण के माध्यम से और अधिक निखार सकते हैं । एक कार्टून संपादकीय का चित्रनुमा फार्म होता है, जिसे आप एक गंभीर विषय पर मजाक के तौर पर देखते हैं । कार्टून बनाना आप स्वयं सीख सकते हैं, इसके लिए आप स्वयं लाइन ड्रा करें । यदि आप बढ़िया स्केचिंग या कैरीकेचर बनाते हैं तो फिर आपको प्रशिक्षण की जरूरत नहीं है परंतु यदि आप अपनी कला को निखारना चाहते हैं तो प्रतिष्ठित संस्थान से फाइन आर्ट में डिप्लोमा कर सकते हैं । जब आप इस क्षेत्र में काफी काम कर चुके हों तो आप अपनी स्टाइल तैयार कर सकते हैं । यदि आप टेलीविजन एवं इंटरनेट के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं तो एनीमेशन और मल्टीमीडिया का नॉलेज होना बेहद जरूरी है । कार्टूनिस्ट को आमतौर पर न्यूज पेपर और मैग्जीन अनुबंधित करती हैं । आज कल कई न्यूज पेपर और पत्रिकाओं में कार्टूनिस्टों को स्थायी तौर पर रखा जाने लगा है । प्रतिभा संपन्न कलाकारों हेतु इस क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है ।