एक पेशेवर करियर के तौर पर देखें तो कोरियोग्राफर ऐसे नृत्य प्रशिक्षक होते हैं, जो अपने छात्रों के भीतर से नृत्य से जुड़ी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए तमाम कोशिशें करते हैं। एक कोरियोग्राफर में ये खासियत होनी चाहिए कि लोगों के अंदर नृत्य के जज्बे को पहचान सके और लोगों को डाँस फ्लोर तक लाने में सफल हो सके । गौरतलब है कि कोरियोग्राफर नृत्य करने वालों के मूवमेंट्स को समरूपता प्रदान करता है। कोरियोग्राफर अपनी स्वयं की रचनाएँ भी करते हैं और तरह-तरह के संगीत पर उसका समायोजन करते हैं। इसके साथ ही स्टेज पर नृत्य के लिए तमाम आवश्यकताओं का ध्यान रखना, डांसर्स की कास्ट्यूम आदि के बारे में निर्णय लेना भी कोरियोग्राफर का ही काम होता है। वह परफारमेंस में अपना विजन लाने का प्रयास करता है और इस तरह का काम वही व्यक्ति कर सकता है, जो स्वयं इस विधा में पारंगत हो। एक अच्छा कोरियोग्राफर बनने के लिए आपको अनेक नृत्य शैलियों में प्रशिक्षित होना होगा। विभिन्न नृत्य शैलियों में शिक्षित होने के लिए काफी लंबे समय तक कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। एक प्रशिक्षक में खुद अच्छा डांस दिखाकर प्रशिक्षण देने की योग्यता अवश्य होनी चाहिए। इसके लिए आपको किसी अच्छे गुरू अथवा जाने-माने डांस ग्रुप के साथ या किसी कोरियोग्राफर से नृत्य की शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। यकीनन सभी कोरियोग्राफर मूल रूप से बहुत अच्छे डांसर होते हैं, लेकिन सभी डांसर कोरियोग्राफर नहीं होते हैं। डांसर्स को अभ्यास और प्रतिभा दोनों की आवश्यकता होती है जबकि कोरियोग्राफर में अनुभव, कल्पनाशीलता और नया सृजन करने की क्षमता भी होनी चाहिए। देश के कई संस्थान नृत्य में एक और दो वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। इन कोर्सेस के लिए उम्मीदवार का बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कुछ प्रतिष्ठित कोरियोग्राफरों ने अपने प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किए हुए हैं। इनके माध्यम से उम्मीदवार को न केवल प्रशिक्षण मिलता है बल्कि आवश्यकता पडऩे पर वे इनकी मदद से फिल्मों और टेलीविजन में भी काम प्राप्त कर सकते हैं। आपको प्रशिक्षण के उपरांत किसी अच्छे कोरियोग्राफर के साथ 1-2 वर्षों तक काम करना चाहिए और नृत्य की कई शैलियों में खुद को परिपक्व बनाना चाहिए। प्रशिक्षण एवं अनुभव के उपरांत आप अपना डांस स्कूल भी खोल सकती हैं। कोरियोग्राफर के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। वे टेलीविजन, फिल्म, वीडियो कंपनियों, निजी एजुकेशनल सेवाओं, मॉडलिंग एजेंसियों और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ काम कर सकते हैं। डांस स्टूडियो, यूनिवर्सिटी, परफॉर्मिंग आर्ट कंपनियों में भी उनके लिए काम की कमी नहीं है। कोरियोग्राफर के रूप में एक बार स्वयं को स्थापित कर लेने के बाद नाम और धन दोनों ही आपके पास होंगे। कार्य और अनुभव के आधार पर उम्मीदवार की आय भी तय हो जाती है। नृत्य कला/कोरियोग्राफी का प्रशिक्षण देने वाले देश के कुछ प्रमुख शासकीय एवं अशासकीय संस्थान इस प्रकार हैं- संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली। भारतीय कला केंद्र, नई दिल्ली। श्यामक डावर इंस्टीट्यूट फॉर परफॉर्मिंग आर्टस्, मुम्बई। टेरेंस लुईस आईएनसी इंडिया, मुम्बई। फैकल्टी ऑफ आर्ट्स, मैसूर यूनिवर्सिटी, मैसूर।