साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद अधिकांश स्टूडेंट इस विषय में एमए की डिग्री लेते हैं। साइकोलॉजी में एमए करने के बाद विषय पर आपकी पकड़ मजबूत होगी और पढ़ाई पूरी करने के बाद आप काउंसलर अथवा साइकोलॉजिस्ट के रूप में प्रैक्टिस भी कर पाएँगी। कई यूनिवर्सिटीज में एमए के स्पेशलाइज्ज कोर्सेज की पढ़ाई शुरू हो चुके हैं, जिनमें क्लीनिकल साइकोलॉजी में एमए, ऑर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी में एमए, काउंसलिंग साइकोलॉजी में एमए और चाइल्ड साइकोलॉजी में एमए आदि प्रमुख हैं। साइकोलॉजी से संबंधित अन्य क्षेत्रों मे स्पेशल एजुकेशन, सोशल वर्क, सोशल साइकोलॉजी, एजुकेशन साइकोलॉजी और रिहेबिलिटेशन आदि शामिल हैं।