वैश्विक संगीत के वर्तमान युग में युवाओं में जिस तरह से रॉक, जैज, रैप और फास्ट म्यूजिक के प्रति दीवानगी बढ़ रही है, उसे देखते हुए डी.जे. (डिस्क जॉकी) बनने की चाह भी युवाओं में साफ दिखाई देने लगी है। युवाओं के लिए डी.जे. वास्तव में एक सुनहरा भविष्य बन रहा है। डी.जे. बनने के लिए व्यक्ति में कई तरह की विशेषताएँ होना बहुत जरूरी है। जैसे की संगीत की समझ, अलग-अलग संगीत को मिलाकर नया संगीत पैदा करने की कला, ऑडियन्स को इकट्ठा करने के तरीके, ऑडियन्स की पसंद को समझना, श्रोताओं को बाँधे रखने की कला आदि। इन सभी विशेषताओं के बावजूद आप संगीत के साथ कुछ न कुछ क्रिएटिव कर पाने में भी सक्षम हों। क्योंकि दूसरे व्यवसाय की तरह डी.जे. के काम में भी उतार-चढ़ाव आता है। डी.जे. बनने के लिए किसी भी संस्थान से कोर्स करने के बाद आप किसी भी होटल, पब, क्लब और डिस्को में जॉब कर सकते हैं। वैसे तो डी.जे. कॉन्ट्रेक्ट पर काम करते हैं, लेकिन कुछ बड़े होटलों में स्थाई रूप से भी डी.जे. नियुक्त किए जाते हैं। आप अपना संगीत बैंड भी शुरू कर सकते हैं। होटल, क्लब, पब या पार्टी में आप अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं। डीजेइंग कोर्स के लिए प्रायवेट इंस्टीट्यूट द्वारा एक महीने से लेकर तीन महीने तक के कोर्स चलाए जाते हैं। वहीं कुछ संस्थानों द्वारा साउंड इंजीनियरिंग में दो और तीन साल के डिप्लोमा और स्नातक डिग्री कोर्स भी चलाए जाते हैं। कई प्रायवेट डी.जे. ग्रुप इस कोर्स के लिए 3-4 सप्ताह की वर्कशॉप भी संचालित करते हैं। वर्कशॉप में डी.जे. बनने संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दुओं के बारे में आपको ट्रेनिंग दी जाती है। डी.जे. का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, लॉ कॉलेज रोड, पुणे। स्पिलिन्टर्स डीजे स्कूल, मुंबई। डीजे जैजी, बी-212 जनकपुरी, नई दिल्ली। सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन, कोलकाता। स्कूल ऑफ ऑडियो इंजीनियरिंग, 3 राज सेंटर, टी नगर, चेन्नई-17।