मैं डेंटिस्ट बनकर अपना करियर बनाना चाहता हूँ। कृपया दांतों की देखभाल के महत्त्व और डेंटिस्ट के करियर की संभावनाएँ बताइए।

निश्चित रूप से यदि आपकी रुचि डेंटिस्ट बनकर अच्छा करियर बनाने की है, तो आप इस करियर की डगर पर अवश्य आगे बढ़े। हमारे देश में स्वास्थ्य और सुंदरता को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ती जा रही है। लोग दांतों को सुंदर बनाने के लिए तरह-तरह के इलाज करा रहे हैं। दूसरी बात यह है कि दांतों की देखभाल सही तरीके से नहीं करने पर हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियाँ फैलती हैं। ये धीरे-धीरे पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। इस लिहाज से डेंटिस्ट अर्थात दांतों के डॉक्टर की जरूरत तेजी से बढ़ रही है और यह एक बेहतरीन करियर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि ऊबड़-खाबड़, बेतरतीब और बेढंगे दांतों को ठीक करना हो, दांतों को दूध की तरह सफेद चमकाने का काम हो या दाँतों से संबंधित अन्य समस्याओं का निदान करना हो, इन सभी के लिए डेंटिस्ट की जरूरत पड़ती है। डेंटिस्ट अपने मरीजों के मुख, दांत और मसूड़ों से जुड़ी समस्याओं का निदान करते हैं। वर्तमान समय में डेंटिस्ट कॉस्मेटिक डेंटल प्रक्रियाओं द्वारा दांतों की खूबसूरती भी बढ़ाते हैं। गौरतलब है कि डेंटिस्ट दांतों की सफाई, घिसाई, एक्सरे लेना, उन्हें डेवलप करना, डेंटल क्लीनिंग, स्केलिंग, पॉलिशिंग डेंटल इंप्रेशन लेना, दांतों की रूट कैनाल करना, दांत या दाढ़ निकालना, नकली दांत लगाना, दांतों पर कैप लगाना आदि कई प्रकार के काम करते हैं। डेंटिस्ट बनने के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री तथा बायोलॉजी विषयों के साथ कम से कम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षा नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट क्लीयर करना होती है। इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन्स पूछे जाते हैं। ये प्रश्न बायोलॉजी, फिजिक्स और रसायनशास्त्र से संबंधित होते हैं। इस परीक्षा में सफल होने के बाद ही उम्मीदवार को डेंटल कॉलेज में चार वर्षीय बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) में दाखिले का मौका मिलता है। यह कोर्स डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है। डिग्री हासिल करने के बाद पांचवें वर्ष में एक साल की इंटर्नशिप भी करनी होती है। इंटर्नशिप कोर्स का अनिवार्य हिस्सा होता है। बीडीएस कोर्स करने के बाद यदि स्पेशलाइजेशन करना हो तो इसके लिए एमडीएस अर्थात मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी करनी होती है। एमडीएस में भी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दिया जाता है। एमडीएस में स्पेशलाइजेशन के विभिन्न क्षेत्र हैं जो इस प्रकार हैं- इंडोडोंटिक्स, ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी, ओरल सर्जरी, ऑथरेडोंटिक्स, पेडोडोंटिक्स, पेरिडोंटिक्स, प्रोस्थोडोंटिक्स आदि। पहले बीडीएस तथा एमडीएस कोर्स की पढ़ाई गिने-चुने सरकारी कॉलेजों में ही होती थी, लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज विभिन्न राज्यों में बहुत बड़ी संख्या में निजी कॉलेज इसकी पढ़ाई करा रहे हैं। इन सभी कॉलेजों में प्रवेश नीट परीक्षा के माध्यम से ही होता है। वर्तमान में देश में डेंटिस्ट की सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों में बहुत माँग है। आज देशभर में निजी अस्पतालों का बहुत विस्तार हो चुका है। इनमें बेहतर पैकेज और सुविधा के साथ डेंस्टिस्टों को नियुक्त किया जा रहा है। इसी तरह, निजी नर्सिंग होम और सरकार की बड़ी डिस्पेंसरी में भी डेंटिस्ट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके अलावा, स्वरोजगार के तौर पर निजी क्लीनिक भी प्रारंभ किया जा सकता है। टूथपेस्ट बनाने और मसूड़ों की देखरेख करने वाली तथा माउथवॉश बनाने वाली कंपनियाँ अपने यहाँ डेंस्टिटों को बतौर विशेषज्ञ बहुत बड़ी मात्रा में नियुक्त कर रही हैं। दंत चिकित्सा में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद डेंटल कॉलेजों में अध्यापन कार्य से भी जुड़ सकते हैं। बीडीएस/एमडीएस का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख डेंटल कॉलेज इस प्रकार हैं- • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागपुर। • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई। • डीवाय पाटिल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री, नवी मुंबई। • फैकल्टी ऑफ डेंटिस्टी, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली। • गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ डेंटिस्ट्री, इंदौर। • हितकारिणी डेंटल कॉलेज, जबलपुर। • इंस्टिट्यूट ऑफ डेंटल एजुकेशन एंड एंडवास स्टडीज, ग्वालियर । • ईएसआईसी डेंटल कॉलेज, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली । • आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल साइंस, सिकंदराबाद। • गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज, अहमदाबाद। • डॉ. आर. अहमद डेंटल कॉलेज, कोलकाता।

पत्रिका

Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 | विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
प्रतियोगिता निर्देशिका अगस्त-2025
प्रतियोगिता निर्देशिका - जुलाई 2025

ब्लॉग

मार्गदर्शन

सामान्य ज्ञान