लोगों की सेवा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी रुचि रखने वाली युवतियों के लिए नर्सिंग एक बहुत ही अच्छा कैरियर विकल्प है । नर्सिंग पाठ्यक्रम को तीन भागों में विभाजित किया गया है । प्राथमिक स्तर पर एएनएम (ऑग्जिलरी नर्स मिडवाइफ), द्वितीय स्तर पर जनरल नर्सिंग मिडवाइफरी (जीएनएम) तथा अंत में बीएससी नर्सिंग । इनमें से एएनएम कोर्स में प्रवेश के लिए 10वीं कक्षा न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है । इसमें दाखिले के लिए न्यूनतम आयु सीमा 16 वर्ष व अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष है । जीएनएम पाठ्यक्रम 10+2 के बाद किया जा सकता है । इसमें भी 12वीं में 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है । कुछ नर्सिंग कॉलेज केवल विज्ञान छात्राओं को ही इस कोर्स में दाखिला देते हैं, जबकि कुछ कॉलेज इसमें थोड़ी छूट देते हुए कला व वाणिज्य से संबद्ध छात्राओं को भी दाखिला देते हैं । साढ़े तीन साल का यह कोर्स समाप्त करने पर आप स्टाफ नर्स के रूप में नियुक्ति पा सकती हैं । बीएससी नर्सिंग इनमें से सर्वोच्च श्रेणी का पाठ्यक्रम है । इसमें केवल विज्ञान विषयों (बायलॉजी) अंग्रेजी व भौतिकी सहित 12वीं उत्तीर्ण छात्राओं को ही प्रवेश दिया जाता है । दाखिले के लिए उम्मीदवार की आयु 17 वर्ष होनी चाहिए । चार साल की अवधि का यह कोर्स पूरा होने पर स्टाफ नर्स के रूप में नियुक्ति मिलती है । व्यावसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल द्वारा जनरल नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट (जीएनटीएसटी) का आयोजन म.प्र. की मूल निवासी युवतियों के लिए मध्यप्रदेश के 15 शासकीय चिकित्सालयों में चल रहे 3 वर्षीय नर्सिंग प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए किया जाता है । जीव विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण छात्राएँ इस परीक्षा में शामिल हो सकती हैं । नर्सिंग से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछ प्रमुख संस्थान हैं- कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंदौर, जिला अस्पताल, बिलासपुर, जया आरोग्य अस्पताल, ग्वालियर, मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जबलपुर, राजकुमारी अमृत कौर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एंड्रूजगंज, नई दिल्ली, सरोजिनी नायडू अस्पताल, आगरा (उ.प्र.), सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर (राजस्थान), जामिया हमदर्द फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, लाजपतनगर, नई दिल्ली ।