नेचुरोपैथी एक समृद्ध और दुष्परिणाम रहित चिकित्सा पद्धति है । यह एक स्वास्थ्यवर्धक आहार और जीवनशैली है, जिसका कोई अतिरिक्त कुप्रभाव नहीं पड़ता और रोग का निदान करने में सहायक होता है । नेचुरोपैथी से रोग का इलाज करने वाले फिजिशियन जड़ी-बूटियों, पौधों, प्राकृतिक पोषक तत्वों, भोजन संबंधी नियम व निषेधों, भोजन व जीवन में शुद्धता के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं । जहाँ अन्य रोग निदान पद्धतियाँ चाहे प्राचीनतम हों या आधुनिकतम बाहर से इलाज करने में विश्वास करती हैं, वहीं नेचुरोपैथी में व्यक्ति की जीवनशैली और खान-पान को अधिक महत्व दिया जाता है । इसमें व्यक्ति की आंतरिक प्रतिरोधक क्षमता का प्राकृतिक ठंग से विकास किया जाता है, ताकि सिथेंटिक ड्रग्स का इस्तेमाल किए बिना व्यक्ति का इलाज संभव हो जाए । नेचुरोपैथी को कैरियर के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए व्यक्ति के पास मान्यता प्राप्त डिग्री या डिप्लोमा कोर्स की आवश्यकता होती है । इस कोर्स को करने के लिए न्यूनतम 12वीं कक्षा भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान समूह से उत्तीर्ण होना आवश्यक है । यह कोर्स (पाठ्यक्रम) कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- गाँधी नेचर केयर कॉलेज , बेगमपेत, हैदराबाद- 50001 । गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंडियन मेडिसिन, नेचर केयर एंड योगा कॉलेज, शिवाजी राव रोड, मैसूर । जेएसएस इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस, एल्कहिल रोड, ऊँटी । गाँधी नेशनल एकेडमी ऑफ नेचुरोपैथी, 15, राजघाट कॉलोनी, 1 रिंग रोड, नई दिल्ली । इंडियन स्कूल ऑफ नेचुरल लिविंग एंड रिसर्च 24/157 शक्ति नगर, दिल्ली । योग साधना आश्रम, प्राकृतिक चिकित्सालय मार्ग, बापू नगर, जयपुर ।