मानव की धडक़नें रोक देने का कमाल वैसे तो आसान काम नहीं है लेकिन एक परफ्यूनिस्ट के लिए यह संभव है। इस विशेषज्ञता को सर्जरी तकनीक का अभिन्न अंग माना जाता है। अक्सर हार्ट सर्जरी या अन्य सर्जरी के दौरान ऐसी परिस्थितियाँ आ जाती हैं, जिसमें मरीज के दिल और फेफड़ों की गति रोकनी पड़ती है। ऐसे में समस्या आती है कि शरीर में हृदय और फेफड़ों के कारण चलने वाली प्रक्रियाओं को सामान्य स्थिति में किस तरह से रखा जाए। यहीं से शुरू होती है परफ्यूनिस्ट की भूमिका। ऐसे समय में परफ्यूनिस्ट आधुनिक मशीनों के माध्यम से मरीज के शरीर में लगातार रक्त संचरण बनाए रखता है, ताकि सर्जरी के दौरान या बाद में भी शरीर में शुद्ध रक्त की और श्वसन प्रक्रिया के माध्यम से पहुँचने वाली ऑक्सीजन की कमी न हो। परफ्यूनिस्ट बनने के लिए बायोलॉजी समूह से बी.एससी. होना आवश्यक है। उसके बाद ही आप परफ्यूशन टेक्नोलॉजी का पीजी डिप्लोमा करने के योग्य माने जाएँगे। पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है । परफ्यूनिस्ट के पद पर नियुक्ति के लिए विभिन्न हॉस्पिटलों की ओर से समय-समय पर वेकेंसी निकलती रहती है। परफ्यूशन टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम निम्न संस्थानों में उपलब्ध है- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर । निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हैदराबाद। श्रीरामचंद्र यूनिवर्सिटी, चेन्नई। बेक्कन इंस्टीट्यूट ऑफ मेट्रॉनिक्स, बडौदा।