एक फिल्म एडिटर फिल्मों को कम्पोज करने से लेकर उसकी काट-छाँट तक का कार्य करता है । फिल्म एडिटर फिल्म में अच्छा इफेक्ट लाने के लिए कई फैक्टर्स जैसे म्यूजिक, डायलॉग, साउंड आदि को बदल सकता है यही नहीं फिल्म को बेहतरीन बनाने के लिए फिल्म के अतिरिक्त और कम जरूरी यानी महत्वहीन भाग को हटा भी सकता है । फिल्म एडिटर बनने के लिए यह जरूरी है कि आप में किसी घटना को समझने, उसके विश्लेषण और उसे ग्रहण कर पाने की बहुत अच्छी क्षमता हो । इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि काम को नियत समय में खत्म करने और स्ट्रेस के साथ काम करने के लिए आप पूरी तरह से सक्षम हों । किसी भी विषय में बारहवीं के बाद आप सिनेमा और फिल्म एडिटिंग के लिए एक साल का डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं, जिसके बाद आपके लिए यह कॅरियर और भी आसान हो जाएगा । फिल्म एडिटिंग से जुड़े विभिन्न पाठ्यक्रम निम्न संस्थानों में उपलब्ध हैं- जी इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया आर्ट्स, मैग्नम बंग्लो सोसायटी, प्लॉट नं.-17, यूनिट-सी, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स, अंधेरी (प.) मुंबई । फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, लॉ कॉलेज रोड, पुणे। ए.जे. किदवई मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, मोहम्मद अली जौहर मार्ग, जामिया नगर, नई दिल्ली । फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ तमिलनाडु, थारमानी, चेन्नई। चित्रबानी सेंटर, जेवियर्स कॉलेज, 30 पार्क स्ट्रीट, कोलकाता ।