आप एर्ग्रीकल्चर, वैटेरनरी साइंस एंड एनीमल हसबैंडरी, मेडिसिन, लाइफ साइंसेज, जेनेटिक्स, फार्मेसी, माइक्रोबायोलॉजी, बॉटनी, जूलोजी, केमेस्ट्री, कैमिकल इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फूड टैक्नोलॉजी, ह्यूमन बॉयोलॉजी तथा एलाइड विषयों में से किसी भी मार्ग से जेनेटिक इंजीनियरिंग का आधार तैयार कर सकते हैं । इसके बाद इंट्रेंस टेस्ट देकर बायोटैक्नोलॉजी या जेनेटिक्स में दो वर्ष की एम.एससी. कीजिए । निम्न विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर पर बायोटैक्नोलॉजी/जेनेटिक्स विषय पढ़ाया जाता है- उस्मानिया वि.वि., हैदराबाद, काकतिय वि.वि., वारंगल तथा गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर । बारहवीं के पश्चात आईआईटी दिल्ली से बायोकेमिकल इंजीनियरिंग या बायोटैक्नोलॉजी में 5 वर्ष की इंटीग्रेटेड एम. एससी. की जा सकती है । इसी प्रकार आईआईटी खडगपुर में साढ़े 5 वर्ष का इंटीग्रेटेड एम.टेक. कराया जाता है । अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई द्वारा इंडस्ट्रियल बायोटैक्नोलॉजी में बी.टेक. कराया जाता है । जेनेटिक इंजीनियरिंग में बेहतर कॅरियर के लिए आपको डॉक्टरेट लेवल की पढ़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए ।