भारतीय महिलाओं एवं युवतियों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले सौन्दर्य प्रसाधनों में बिन्दी का स्थान प्रमुख है। प्राय: प्रत्येक युवती एवं महिला बिन्दी का उपयोग करती है जोकि उनके द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों से मैच करती हुई विविध रंगों की हो सकती हैं। गोलाकार होने के साथ-साथ बिन्दी विभिन्न डिजाइनों जैसे-पान के आकार, अर्धचन्द्राकार अथवा अन्य आकारों की भी हो सकती है। साधारण पैटर्न (प्लेन) की बिन्दियों के साथ-साथ विविध डिजाइन तथा पैटर्न की बिन्दियाँ भी प्रचलन में हैं। लगभग प्रत्येक महिला द्वारा प्रतिदिन उपयोग की जाने वाली वस्तु होने के कारण बिन्दियों की माँग लगातार बढ़ती ही जा रही है तथा यदि बदलते फैशन के अनुरूप उच्च गुणवत्ता की बिन्दियों का निर्माण किया जाए तो बिन्दी निर्माण की इकाई की सफलता की बहुत उजली संभावनाएँ हैं। निर्माण प्रक्रिया- बिन्दी की निर्माण प्रक्रिया काफी सरल है। इसके निर्माण के लिए आवश्यक वेलवेट क्लॉथ तथा पी.वी.सी. की बनी बनाई शीट्स बाजार में उपलब्ध होती हैं जिसे पंचिंग मशीन की सहायता से साँचों का उपयोग करते हुए वांछित साइज, डिजाइन के अनुरूप काट लिया जाता है। इसके उपरान्त जिन बिन्दियों पर मोती अथवा अन्य पदार्थ चिपकाने हों वे चिपकाने के उपरान्त उन्हें सुखा लिया जाता है तथा कार्ड के ऊपर चिपकाकर तथा पौलीथीन की पन्नियों में पैक करके विपणन हेतु प्रस्तुत कर दिया जाता है। मशीनरी तथा उपकरण- विद्युत चलित पंचिंग मशीन, डाइयों सहित (1 हार्स पा. मोटर सहित),अन्य विविध उपकरण, हस्त औजार, कैंची टेप, सुखाने के लिए ट्रे, टेबल आदि। कच्चा माल-वेलवेट क्लॉथ तथा पी.वी.सी. शीट, बिन्दी की पैंकिंग के लिए कागज, कार्ड, पौलीथीन तथा कलर्ड पेपर्स, चिपकाने वाले पदार्थ, बिन्दी की शोभा बढ़ाने हेतु लगने वाले मोती, लडिय़ाँ, डेकोरेटिव धागे तथा अन्य पदार्थ जैसे थिनर आदि। बिन्दी निर्माण की इकाई की स्थापना से संबंधित विस्तृत विवरण के लिए अपने जिले में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र से संपर्क किया जा सकता है।