मूर्तिकला शिल्प की एक प्राचीन विधा है, जिसमें मूर्तिकार विशेष औजारों से अपनी कल्पना को नायाब आकृति के रूप में ढालता है। कोई भी शिल्पकार अपने शिल्प को लकड़ी, धातु या मिट्टी जैसे माध्यमों से खास आकार देता है। इसमें स्मारक, कीर्तिस्तंभ, मानव मूर्ति और अन्य अनेक प्रकार का शिल्प शामिल है। एक मूर्तिकार सामान्यत: मूर्तियाँ बनाने के लिए सीमेंट कंकरीट, सफेद ताँबा,प्लास्टर ऑफ पेरिस या मिट्टी का प्रयोग करता है। वर्तमान में समुद्र के किनारे रेत से तथा बर्फीले क्षेत्रों में बर्फ से मूर्तियाँ बनाने का चलन भी जोरों पर है और अब तो मोम की मूर्तियाँ भी बनाई जाने लगी हैं। इसलिए आज देश के साथ-साथ विदेशों में भी मूर्तिकारों के लिए रोजगार के असीमित अवसर उपलब्ध हैं। बारहवीं कक्षा के बाद आप मूर्तिकला में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री ले सकते हैं। इसके लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। अभिरुचि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के पश्चात इस पाठ्यक्रम में प्रवेश मिल पाता है। बैचलर ऑफ फाइन आर्ट में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद आप मास्टर ऑफ फाइन आर्ट की डिग्री ले सकते हैं। अनेक संस्थानों द्वारा मूर्तिकला के क्षेत्र में डिप्लोमा कोर्स भी कराए जाते हैं। मूर्तिकला के क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है। जिन लोगों का प्राकृतिक रूप से कला की ओर झुकाव हो, वे अपनी कला को विकसित कर मूर्तिकला के क्षेत्र में महारत हासिल कर अपना नाम चमका सकते हैं। मूर्तिकला में विशेषज्ञता प्राप्त करने के बाद किसी सरकारी अथवा निजी स्कूल एवं कॉलेज में क्राफ्ट शिक्षक के रूप में कार्य किया जा सकता है। विभिन्न संग्रहालयों में मूर्तियों के मेंटेनेंस के लिए भी मूर्तिकारों को रखा जाता है। कलाकार स्वतंत्र रूप से कार्य करके विभिन्न प्रकार के डिजाइन बनाकर एक साथ कई लोगों और संस्थानों के लिए डिजाइनिंग का काम कर सकते हैं । मूर्तिकार अपनी आर्ट गैलरी भी खोल सकते हैं, जिसमें अपने डिजाइन और मूर्तियों को अपनी इच्छानुसार बेच सकते हैं। मूर्तिकला से संबंधित प्रशिक्षण देने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- फाइन आर्ट कॉलेज, एमजी रोड, इंदौर । इंदौर पब्लिक एकेडमी, इंदौर । जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई । कॉलेज ऑफ आर्ट, तिलक मार्ग, नई दिल्ली। एम.एल. बड़ौदा विश्वविद्यालय, बड़ौदा, गुजरात। विश्वभारती विश्वविद्यालय, शान्तिनिकेतन,पश्चिम बंगाल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा ।