रंग-बिरंगी खूबसूरत डिजाइनर मोमबत्तियाँ अपनी सुंदरता के साथ, अपनी झिलमिलाती रोशनी से हर किसी का दिल जीत लेती हैं। एक जमाना था, जब मोमबत्तियाँ केवल सफेद, लाल, हरे अथवा पीले रंगों में ही आती थीं तथा इनका उपयोग क्रिसमस, जन्मदिन, घर में या चर्च में जलाने के लिए होता था, लेकिन अब इसका स्वरूप पूर्णत: बदल गया है। वर्तमान में पाँच सितारा होटलों से लेकर घरों के ड्राइंग रूम, लिविंग रूम, डाइनिंग डेबल आदि में भी सजावट के लिए डिजायनर रंग-बिरंगी मोमबत्तियों का उपयोग बड़ी मात्रा में होने लगा है। इनकी बढ़ती माँग को देखते हुए अब मोमबत्तियों के एक्सक्लुसिव स्टोर्स भी ओपन हो रहे हैं। आजकल मार्केट में कई तरह की मोमबत्तियाँ मौजूद हैं, जैसे अरोमा मोमबत्ती, फ्लोटिंग मोमबत्ती (पानी में तैरने वाली), मेडिकेटेड मोमबत्ती, रोमांस इनहांसिंग मोमबत्ती आदि। मोमबत्ती का लघु उद्योग खोलने के लिए ज्यादा पूँजी की जरूरत नहीं होती है। इसमें कच्चे माल के रूप में मोम (वैक्स), जैल, सेंट, रंग तथा इन्हें संवारने के लिए पत्थर, मोती, सितारे और अन्य सजावटी सामान, धागे आदि की जरूरत पड़ती है। मोम पिघलाने के लिए बड़े बर्तन और भट्टी तथा मोमबत्तियों को अलग-अलग आकार देने के लिए विभिन्न आकृति के सांचों की जरूरत होती है। चूँकि मोमबत्ती उद्योग लघु उद्योग की श्रेणी में आता है इसलिए सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए नए उद्यमियों को प्रोत्साहित भी कर रही है। मोमबत्ती उद्योग हेतु ऋण सुविधा भी उपलब्ध है। रंग-बिरंगी डिजाइनर मोमबत्तियों का निर्माण वैसे तो रचनात्मक कार्य है। इसमें डिजाइन के साथ कलर कॉम्बिनेशन और मार्केट डिमांट को समझने की जरूरत होती है। इसकी निर्माण प्रक्रिया को समझने हेतु इस क्षेत्र में प्रशिक्षण की जरूरत होती है। प्रशिक्षण में इसके उत्पादन की बारीकियाँ सीखने को मिलती हैं जो एक सफल उद्यमी बनने की पहली सीढ़ी है। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र से प्रशिक्षण हेतु संपर्क किया जा सकता है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा भी प्रशिक्षण एवं ऋण की सुविधा उपलब्ध है। मोमबत्ती निर्माण से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए आप वेबसाइट www.kvic.in लॉग ऑन करें ।