आज से कोई बीस वर्ष पहले राफ्टिंग की अवधारणा अमेरिका, स्विट्जरलैंड और कनाडा जैसे देशों से भारत आई। अब राफ्टिंग सिर्फ मौज-मस्ती के लिए ही नहीं रह गया है। आज साहसी और स्वस्थ युवाओं ने इसे बतौर कॅरियर चुनना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि भारत में राफ्टिंग उज्ज्वल कॅरियर के रूप में उभरा है। राफ्टिंग का कोर्स कराने वाले संस्थान राफ्टिंग में सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं। किसी संस्थान में राफ्टिंग कोर्स में प्रवेश से पहले आवेदनकर्ता की शारीरिक जाँच की जाती है। उम्मीदवार की निडरता को जाँचने के लिए राफ्टिंग गाइड के साथ खतरनाक राफ्टिंग ट्रेक पर भेजा जाता है। यदि वह सभी परीक्षणों में सफल होता है तो उसे प्रशिक्षण के लिए चुन लिया जाता है। राफ्टिंग के प्रशिक्षण के दौरान राफ्टिंग उपकरणों के इस्तेमाल करने का तरीका सिखाया जाता है। साथ ही ओवरनाइट रीवर टिप, नदी का बहाव,गहराई, ढलान और उसके खतरों की भी विस्तार से जानकारी दी जाती है। सामान्यत: इस कोर्स में नदी में राफ्टिंग कराते हुए प्रशिक्षण दिया जाता है। भारत में राफ्टिंग के कोर्स की अवधि छह माह होती है। राफ्टिंग का कोर्स करने के उपरांत आप राफ्टिंग गाइड बन सकते हैं। आप चाहें तो अपना स्वयं का राफ्टिंग ट्रेनिंग स्कूल खोल सकते हैं। आप चाहें तो साहसी एवं एडवेंचर पसंद युवाओं को नदी में राफ्टिंग कराकर अच्छा खासा धन अर्जित कर सकते हैं। राफ्टिंग का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- हिमालयन रीवर रनर्स, एन-8, ग्रीन पार्क मेन, नई दिल्ली। इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन, 6, बेनिटो जुआरेज रोड, नई दिल्ली।