मैं रेडियोग्राफी क्षेत्र में करियर बनाना चाहता हूँ। कृपया मुझे बताएँ कि रेडियोग्राफी के तहत क्या कार्य करने होते हैं, यह कोर्स कहाँ से किया जा सकता है तथा कोर्स करने के बाद रोजगार के अवसर कहाँ होंगे ? 

किसी रोग के सही इलाज के लिए जरूरी है कि उसकी सही पहचान की जाए। कभी-कभी ऐसा भी देखने में आता है कि केवल लक्षणों के आधार पर रोगों की ठीक से पहचान नहीं हो पाती और जो उपचार होना चाहिए वह नहीं हो पाता। इसीलिए रोगों की पहचान के लिए रेडियोग्राफी की आवश्यकता पड़ती है। जहाँ तक रेडियोग्राफी का प्रश्न है तो यह शरीर की पूरी व्याख्या करके परिणाम देता है। रेडियोग्राफी के जरिए शरीर के बाह्यï भाग से लेकर आंतरिक भाग तक का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरई, एंजियोग्राफी, मेमोग्राफी और पोजीट्रोन ईमीशन टोमोग्राफी की जाती है। रेडियोग्राफी के ही माध्यम से कैंसर और शरीर के मस्तिष्क में स्थित टयूमर के बारे में भी सही-सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। जहाँ तक कॅरियर की बात है तो इस क्षेत्र में कॅरियर दो भागों में बँटा होता है-पहला डायग्नोस्टिक रेडियोग्राफी और दूसरा थैरापेटिक रेडियोग्राफी। थैरोपेटिक रेडियोग्राफी और डायग्नोस्टिक रेडियोग्राफी का वर्तमान में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने लगा है। कैंसर, ट्यूमर और अल्सर के रोगों में भी इस पद्धति का जमकर प्रयोग होता है। ट्यूमर में थैरेपी रेडियोग्राफर उच्च नियंत्रण वाली स्थितियों में रेडियोग्राफी मशीन के रेडिएशन का सावधानी से उपयोग करता है। जरा सी असावधानी होने पर मरीज की जान भी जा सकती है। इसीलिए इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की भारी माँग है। बढ़ती तकनीक को ध्यान में रखकर एक रेडियोग्राफर हमेशा कार्यकुशलता के साथ स्वयं को अपडेट रखता है। इस क्षेत्र में लगातार नई-नई मशीनें आ रही हैं और इनको चलाने वालों की संख्या उस हिसाब से नहीं है। लिहाजा, कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। रेडियोग्राफी को कॅरियर के रूप में चुनने के लिए यह जरूरी है कि उम्मीदवार का रुझान तो इस तरफ हो ही, साथ ही उसे जीव विज्ञान, भौतिकी और एनाटोमी में भी खास रूची होनी चाहिए। इस क्षेत्र में विद्यार्थी डिग्री, डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता जीव विज्ञान समूह से बारहवीं उत्तीर्ण होना है। कुछ संस्थान अन्य विषय समूह से बारहवीं उत्तीर्ण छात्रों को भी डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश दे देते हैं। डिग्री स्तर पर छात्रों को तीन वर्ष तक अध्ययन करना पड़ता है। डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु छात्रों को 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने आवश्यक हैं। किसी-किसी संस्थान में प्रवेश परीक्षा से भी गुजरना होता है। रेडियोलॉजी के स्नातक कोर्स के तहत छात्रों को हर तरह की रेडियोग्राफी मशीन चलाना सिखाया जाता है जबकि डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने वाले छात्रों को एक्स-रे मशीन तथा कुछ चुनिंदा मशीनों को ही ऑपरेट एवं मेन्टेन करना सिखाया जाता है। रेडियोग्राफी में विभिन्न श्रेणियाँ हैं जिसमें अपने को फिट रखने के लिए रेडियोग्राफर नई-नई तकनीकों से स्वयं को अपडेट रखता है। रेडियोग्राफी के क्षेत्र में दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यक्रम भी कई संस्थानों द्वारा कराए जाते हैं परंतु रेडियोग्राफी का रेगुलर कोर्स करने वाले छात्रों को शीघ्र रोजगार मिल जाता है। रेडियोग्राफी का क्षेत्र मानव सेवा का क्षेत्र है। इसमें व्यक्ति का शांत स्वभाव का होना, मरीज के साथ सहानुभूति के साथ पेश आना और किसी भी व्यक्ति के साथ आत्मीयता बरतना बहुत आवश्यक है। मरीज की घबराहट को खत्म करना, उसके व्यवहार से विचलित नहीं होना आदि ऐसी तमाम परेशानियों को सहने की ताकत ही आपको एक सफल रेडियोग्राफर बना सकती है। दूसरे दिन-प्रतिदिन आ रहे नए-नए उपकरणों को लेकर हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तरफ झुकाव भी खास मायने रखता है। स्वयं पर विश्वास, टीम वर्क और कम्युनिकेशन स्किल जैसे गुण रेडियोग्राफर में होने आवश्यक हैं। इस क्षेत्र में नौकरी के अवसर न केवल देश में, अपितु विदेशों में भी उपलब्ध हैं। भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। नर्सिंग होम, सरकारी अस्पताल, निजी अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटरों में रेडियोग्राफर की आवश्यकता होती है। इसके अलवा मेडिसिन, रिसर्च और टीचिंग में भी रेडियोग्राफर की जरूरत हमेशा बनी रहती है। न्यूक्लीयर मेडिसिन के क्षेत्र में भी एक्स-रे तकनीशियन और रेडियोग्राफर की जरूरत पड़ती है। डायग्नोस्टिक इमेजिंग विभाग, आईसीयू, ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टरों के साथ एक रेडियोग्राफर की भी काफी जरूरत पड़ती है। इसके अलावा वह स्वरोजगार के लिए खुद का डायग्नोस्टिक सेंटर भी खोल सकता है। इसमें काफी अच्छी आमदनी होती है। रेडियोग्राफी का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली। कॉलेज ऑफ रेडियोग्राफी, नलूराहाली, विथफील्ड, बेंगलुरु। गरवारे इंस्टीट्यूट ऑफ कॅरियर एजुकेशन एंड डेवलपमेंट, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई। गाँधी हॉस्पिटल, सिकंदराबाद, आंध्रप्रदेश। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, लुधियाना। इन संस्थानों के अतिरिक्त देश के कई मेडिकल कॉलेजों तथा अन्य संस्थानों में रेडियोग्राफी के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें जानकारी लेकर तथा उपयुक्त पाए जाने पर प्रवेश लिया जा सकता है।

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