हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को बायोटेक्नोलॉजी के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो, लंदन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी भी टॉप 5 यूनिवर्सिटीज में शामिल हैं। हमारे देश में बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई थ्योरी बेस्ड होती है। लेकिन विदेश में थ्योरी कोर्स सिर्फ 30 फीसदी और शेष प्रैक्टिकल होता है। इससे छात्र कोर्स को प्रैक्टिकली अच्छे से समझते हैं और उसे अप्लाय करना भी सीखते हैं। विदेशों में टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी, स्टेम सेल टेक्नोलॉजी आदि बहुत विकसित हैं। इससे छात्रों को शुरू से ही उच्च स्तर की तकनीक से प्रयोग करने में मदद मिलती है। इसलिए भारत के मुकाबले विदेश में बायोटेक का करियर स्कोप भी ज्यादा है।