मैं समाज कार्य के क्षेत्र में उजला करियर बनाना चाहती हूँ। कृपया मुझे बताएँ कि इस क्षेत्र में करियर की क्या संभावनाएँ हैं तथा इस क्षेत्र से जुड़े प्रमुख कोर्स कौन-कौनसे हैं? 

वर्तमान में समाज कार्य की अवधारणा में बहुत परिवर्तन आ गया है। यह कार्य केवल दया या परोपकार की भावना से ही नहीं जुड़ा है बल्कि रोजगार के रूप में भी युवाओं को बहुत आकर्षित कर रहा है। आज दुनिया में हजारों की संख्या में स्वयंसेवी संस्थाएँ मानवीय, सामाजिक, पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान में जुटी हुई हैं और संस्थानों को बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की आवश्यकता है, जिनमें न केवल सेवा का जज्बा हो बल्कि संबंधित क्षेत्र की जानकारी भी हो। अंतरराष्टï्रीय स्तर पर काम करने वाली संस्थाएँ, जैसे यूनीसेफ, यूएनडीपी, वल्र्ड वाइल्ड लाइफ फंड, रेडक्रॉस, क्राई तो हर साल भारतीय एक्सपर्ट की तलाश में बड़े शहरों में सेमिनार का आयोजन करते हैं। इन संस्थाओं में निदेशक, उपनिदेशक, प्रोग्राम ऑफिसर, टीम लीडर जैसे पदों पर अच्छे वेतनमान के साथ नियुक्त किया जाता है। इसके अलावा अन्य कई क्षेत्र हैं, जिसमें छात्रों को को-ऑडिनेटर, सर्वे ऑफिसर एवं पब्लिक रिलेशन ऑफिसर जैसे पदों पर काम करने का मौका मिलता है। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए राष्टï्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने का मौका मिलता है। सामाजिक कार्य पाठ्यक्रम का लक्ष्य देश में वैज्ञानिक मानसिकता, व्यावसायिक कौशल, लोकतांत्रिक दृष्टिïकोण और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के बारे में लोगों को शिक्षित करना और उन्हें सामाजिक कार्य एजेंसियों के प्रबंधन के लिए तैयार करना है। इससे देश में नए सामाजिक-आर्थिक परिवेश के लिए व्यावसायिक दृष्टिï से प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता तैयार करने में मदद मिलती है। सामाजिक कार्य पाठ्यक्रम कई क्षेत्रों में किए जा सकते हैं- बाल विकास, ग्रामीण और शहरी विकास, औद्योगिक विकास, सामाजिक विकास, शिक्षा, परिवार कल्याण और आयोजन, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, मानसिक विलंबन, सामाजिक सुरक्षा, पर्यावरण, मानव संसाधन प्रबंधन। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए देश में कई संस्थानों में पूर्णकालिक एवं अंशकालिक कोर्स की व्यवस्था है। इसमें मास्टर डिग्री, पीजी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स, तीन तरह के पाठ्यक्रम हैं। मास्टर डिग्री (एमएसडब्ल्यू) के लिए छात्र की योग्यता किसी संकाय में स्नातक होना अनिवार्य है, जबकि एकवर्षीय पीजी डिप्लोमा के लिए भी योग्यता इसी के समकक्ष होनी चाहिए । सर्टिफिकेट कोर्स के लिए छात्र का बारहवीं पास होने के साथ इस क्षेत्र में अनुभव होना आवश्यक है। कई संस्थान समाज कार्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु भर्ती परीक्षा का भी आयोजन करते हैं । स्वयंसेवी क्षेत्र में रोजगार के प्रचुर अवसर पैदा हो गए हैं। अब तो गैर सरकारी संगठनों के अलावा बहुराष्टï्रीय निगम और औद्योगिक घराने भी बड़े पैमाने पर कंपनियों के सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वाह, खासकर शिक्षा, कल्याण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आगे आए हैं। अपराध विज्ञान और सुधारात्मक प्रशासन में विशेषज्ञता रखने वाले सामाजिक कार्यकर्ता, कारागरों, सुधारगृहों, पर्यवेक्षणगृहों, बालगृहों तथा रिमांड होम्स जैसे संस्थानों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इन संस्थानों में सामाजिक कार्यकर्ता का मुख्य कार्य कैदियों के लिए रचनात्मक एवं सृजनात्मक वातावरण का निर्माण करना है। परिवार और बाल कल्याण के क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता महिलाओं, बच्चों, वृद्धों और कमजोर व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में योगदान कर सकते हैं। चिकित्सा और मनोविश्लेषणात्मक सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनकी नियुक्ति आमतौर पर अस्पतालों, सेनेटोरियम्स, परिवार नियोजन क्लिनिकों, नशीली दवाओं और शराब की लत छुड़ाने वाले केंद्रों में की जाती है। समाज कार्य के पाठ्यक्रम में मानव कल्याण से संबंधित कई विषय शामिल किए गए हैं। भारतीय सामाजिक समस्याएँ, पारिवारिक सहायता एवं मार्गदर्शन, शिशु कल्याण, अपराध मनोविज्ञान, ग्रामीण एवं शहरी विकास आदि। समाज कार्य में उपाधि प्राप्त करने के बाद अंतरराष्टï्रीय कल्याण की संस्थाओं जैसे यूनिसेफ व यूनेस्को, विकलांग कल्याण केंद्र, अनाथ आश्रम, महिला उद्धार गृह, प्रौढ़ शिक्षा परियोजना, समाज कार्य शिक्षा से संबंधित शिक्षण संस्थाओं, समाजकल्याण विभाग, मातृ एवं शिशु कल्याण विभागों में कॅरियर के अच्छे अवसर हैं। चिकित्सा एवं मनोचिकित्सा के क्षेत्र में अस्पतालों में नियुक्ति हो सकती है। इसके अतिरिक्त गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) के माध्यम से भी एड्स जागरूकता, महिला कल्याण, गरीबी उन्मूलन, आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों को अंजाम दिया जा सकता है। सामाजिक कार्य क्षेत्र में आप निजी और सरकारी कंपनियों में कार्मिक अधिकारी समुदाय संगठनकर्ता या समन्वयक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि पदों पर भी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इसके जरिए आप सामाजिक कार्य के प्रति समर्पित भी हो सकते हैं । व्यावसायिक सामाजिक कार्यकर्ता बनने के लिए आपको मानव संसाधन प्रबंधन, अपराध विज्ञान और सुधारात्मक प्रशासन, चिकित्साक और मनोचिकित्सक, सामाजिक कार्य, परिवार और बाल कल्याण, ग्रामीण और शहरी सामुदायिक विकास और स्कूल सामाजिक कार्य जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर उपाधि उत्तीर्ण करना आवश्यक है। वर्तमान में सामाजिक कार्य शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य उज्व्वल है। अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अनुसंधान रिसर्च फाउंडेशन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय, अधिकारिता और सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय, अपराध विज्ञान और सुधारात्मक प्रशासन (गृह मंत्रालय), यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य प्रमुख संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों तथा वित्तीय एजेंसियों द्वारा अनुसंधान फेलोशिप भी प्रदान की जाती है। सामाजिक कार्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले प्रमुख शिक्षण संस्थान इस प्रकार हैं- प्रमुख संस्थान- टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, मुंबई। सामाजिक कार्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली। इंदौर स्कूल ऑफ सोशल वर्क, इंदौर। डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क, काशी विद्यापीठ, वाराणसी। दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।

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