निश्चित रूप से आज के आधुनिक युग में जहाँ हर तरफ सिनेमा, सीरियल, म्यूजिक वीडियो का हर तरफ बोलबाला है ऐसे में साउंड इंजीनियर ही एक शानदार करियर बनाया जा सकता है। मुख्यतः साउंड इंजीनियरिंग कोर्स में म्यूजिक, मूवी और थियेटर की रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग और रिप्रोडक्शन से जुड़ी चीजें पढ़ाई जाती है| यह फील्ड दूसरे फील्डों की तुलना में चुनौतीपूर्ण जरूर है लेकिन काफी बेहतर भी है| साउंड इंजीनियरिंग का काम स्पीच, म्यूजिक और स्टूडियो के साउंड को हाई क्वालिटी का बनाना होता है तभी इसके लिए फिल्मों, रेडियो और टेलिविजन में कई तरह के टेक्निकल इंस्ट्रूमेंट्स उपयोग किए जाते हैं| साउंड इंजीनियरिंग का कोर्स वे कैंडिडेट्स कर सकते है जो 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथेमेटिक्स से पास हैं साथ ही वह साउंड इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री या मास्टर डिग्री भी हासिल सकते हैं| पीजी डिप्लोमा कोर्स के लिए किसी भी सब्जेक्ट में ग्रैजुएट होना आवश्यक है. साउंड इंजीनियरिंग के फील्ड में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद आप इंजीनियर या टेक्नीशियन के रूप में टीवी चैनल्स, फिल्म, रेडियो, स्टूडियो, मल्टीमीडिया डिजाइन,एनिमेशन,विज्ञापन आदि क्षेत्रों में काम कर सकते है। अनुभव होने पर आप खुद का रिकॉर्डिग स्टूडियो भी खोल सकते है।