वर्तमान में फिल्मों में कैमरामैन का काम बेहद अहम हो गया है। एक फिल्म बनाने के दौरान बड़ी तादाद में कैमरों का इस्तेमाल आम बात है। फिल्म में इस्तेमाल किए जा रहे सभी कैमरों का समन्वय करने का काम एक व्यक्ति का होता है जिसे सिनेमेटोग्राफर कहते हैं। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक लोग कैमरापर्सन से लेकर सिनेमेटोग्राफर तक अपने भविष्य को विस्तार दे सकते हैं। सिनेमेटोग्राफर का काम मुख्यत: इमेजेस से जुड़़े सभी तकनीकी आयामों का ध्यान रखना होता है। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए उसे लाइटिंग, लैंस निर्धारण, लैंस का सामंजस्य, फिल्टरेशन, एक्सपोजर और किस तरह की फिल्म का चुनाव होना है आदि तय करना होता है। सिनेमेटोग्राफर को फिल्म के प्री और पोस्ट प्रोडक्शन में कलात्मक एवं उससे जुड़े तथ्यात्मक परिवर्तन करने का अधिकार होता है । फिल्म में रंगों का संयोजन भी सिनेमेटोग्राफर की ही देन है। कहना गलत नहीं होगा कि सिनेमेटोग्राफर का काम पूरी कैमरा टीम को डायरेक्ट करना होता है। कॅरियर की दृष्टि से इस क्षेत्र में पैसा और शोहरख दोनों हैं। शुरुआत में निश्चित आय न होते हुए भी इस क्षेत्र का आकाश बहुत विस्तृत है। लेकिन उन ऊँचाइयों तक पहुँचने का रास्ता मजबूत इच्छाशक्ति के साथ दृढ़ निश्चय और धैर्य से होकर जाता है। इस क्षेत्र के कुछ प्रमुख शिक्षा संस्थानों के नाम एवं पते इस प्रकार हैं- फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, लॉ कॉलेज रोड, पुणे-411004 (यहाँ से सिनेमेटोग्राफी में तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया जा सकता है।) द विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म टीवी एंड मीडिया आटर्स, मुंबई फिल्म सिटी, गोरेगाïँव, मुंबई-65 (यहाँ से दो साल का कोर्स सिनेमेटोग्राफी में किया जा सकता है।) एल.वी. प्रसाद फिल्म एवं टीवी एकेडमी, चेन्नई, 28, अरुणाचलम रोड सालीग्राम, चेन्नई-93 (यहाँ से दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमेरोग्राफी किया जा सकता है।