जीव विज्ञान समूह के विद्यार्थियों के लिए फिजियोथैरेपी भी एक अच्छा विकल्प है । यह एक प्रतिष्ठापूर्ण कार्य है तथा फिजियोथैरेपिस्ट अस्पतालों और नर्सिंग होम में आकर्षक वेतन भी प्राप्त करते हैं । स्वयं के स्वतंत्र क्लिनिक भी चलाकर प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जीते हैं । फिजियोथैरेपी का पाठ्यक्रम साढ़े तीन से चार वर्ष का होता है । इसमें नामांकन के लिए न्यूनतम उम्र 17 वर्ष है । न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भौतिकी, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान एवं अंग्रेजी विषयों में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं कक्षा उत्तीर्ण है । कई संस्थान नामांकन के लिए प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करते हैं जबकि कई संस्थान सीधे ही प्रवेश देते हैं । फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रमों में नामांकन का कार्य जून-जुलाई में शुरू होता है । फिजियोथैरेपी की डिग्री के पहले किसी अस्पताल में 6 माह की इंटर्नशिप भी करनी होती है । फिजियोथैरेपी के विभिन्न शिक्षा संस्थान इस प्रकार हैं क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, राजकीय मेडिकल कॉलेज, बड़ौदा, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक, हैडिकेप्ड, बी.टी. रोड, बान, हुगली (कोलकाता), अ.भा. आयुर्विज्ञान संस्थान, अंसारीसागर, नई दिल्ली, इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल हैंडिकेप्ड, 4 विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली 110002, मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, अंजनी (नागपुर), ऑक्यूपेशनल थैरेपी ट्रेनिंग स्कूल, डी.बी. ऑर्थोपेडिक केंद्र, मुंबई 400021, स्कूल ऑफ फिजियोथैरेपी, के.ई.एम. हॉस्पिटल, मुंबई, राष्ट्रीय पुनर्स्थापना प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, बैरोई, (उडीसा) 754010, केंद्रीय कुष्ठ प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, चिगलपट, केरोटिन यूथ हॉस्पिटल, नागरकायल, एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज, इंदौर, इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, इंदौर ।