देश में राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों में किसी न किसी जरूरत की चीज की परचेजिंग कर उसे स्टोर करना और फिर उसकी एकाउंटिंग एक महत्वपूर्ण कार्य है। लेकिन यह सब इतना आसान काम नहीं होता है। इसके लिए कंपनियों को मैटीरियल मैनेजमेंट के विशेषज्ञ की जरूरत पड़ती है, जो इन कामों को बखूबी अंजाम दे सके। इन कामों को बारीकी से जानने और सिखाने का जो कोर्स तैयार किया गया है, उसे मैटीरियल मैनेजमेंट के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स की पढ़ाई देश में डिग्री कोर्स के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, नई दिल्ली मेंं होती है। मैटीरियल मैनेजमेंट का कोर्स इस कॉलेज से करना करियर की ²ष्टि से उपयुक्त रहेगा। इसके अलावा कई निजी संस्थान भी इस तरह के कोर्स करवाते हैं, पर वह डिप्लोमा स्तर के हैं तथा उनमें रोजगार की संभावनाएँ भी डिग्री कोर्स की तुलना में कम होती हैं। इस डिग्री कोर्स में दाखिला 12वीं के अंकों के आधार पर दिया जाता है। मैटीरियल मैनेजमेंट के डिग्री कोर्स के तहत छात्रों को किसी भी कंपनी में परचेजिंग तथा स्टोर मैनेजमेंट क्या है और किस तरह से होता है, इसकी जानकारी प्रदान की जाती है। ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट ऑफ बिजनेस की समझ भी इस कोर्स के तहत पैदा की जाती है। मैटीरियल मैनेजमेंट तथा कंट्रोल के बारे में भी उन्हें बताया जाता है। इसके साथ ही कंप्यूटर फंडामेंटल, सॉफ्टवेयर पैकेजेज तथा कम्प्यूटराइज्ड एकाउंटिंग तथा बिजनेस कम्युनिकेशन कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी भी दी जाती है। मैटीरियल मैनेजमेंट कोर्स के बाद छात्र किसी भी कंपनी में स्टोर ऑफिसर, परचेजिंग ऑफिसर, लॉजिस्टिक अधिकारी के रूप में काम कर सकते हैं।