वर्तमान के आपाधापी वाले युग में शरीर को तराशने वाले केंद्रों में भी बेहतर कैरियर नजर आने लगा है । बेरोजगार युवा अब स्वयं फिटनेस एक्सपर्ट बनकर अथवा कुशल प्रशिक्षक रखकर फिटनेस सेंटर चला सकते हैं । पुरुषों का हेल्थ क्लब जाने का मकसद अपने शरीर को सुडौल बनाना अर्थात् बॉडी बिल्डिंग करना होता है । पुरुष जिम में लगी मशीनों के जरिए अपनी मसल्स में उभार पैदा करता है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं का कसरत करने का मकसद स्वयं को फिट और दुबला बनाए रखना होता है । यही वजह है कि पुरुषों के लिए चलाए जाने वाले जिमों को हैल्थ क्लब और महिलाओं के लिए चलाए जाने वाले जिमों को `स्लिमिंग सेंटर्स', `बॉडी शेपिंग सेंटर्स' अथवा `कायाकल्प केंद्र' जैसे नामों से जाना जाता है । पुरुषों के लिए फिटनेस सेंटर लगाने के लिए एक ब्रेंच प्रेस, एक सिंगल पुली पुल डाउन, एक लेग प्रेस, एक बाईसेप मशीन, एक आर्म्स रैसलिंग मशीन, एक हिप फ्लैक्सर विद पैरेलल बार्स, एक वाकर मशीन, दो साइकिलें, विभिन्न आकार के डम्बल्स, एक एब्डोमिनल बोर्ड तथा एक टि्वस्टर आदि मशीनों एवं उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है । इसी तरह महिलाओं के लिए जिम लगाने के लिए एक रॉक क्लाइंबर, एक स्की मशीन, एक बॉडी जैन, एक ट्रीड मिल, एक रीकम्बैंट बाइक, एक रोइंर्ग मशीन, एक स्टैप ट्रैक और एक डबल बर्नर । फिटनेस सेंटर शुरू करने के लिए आपको कुल राशि का लगभग पाँच फीसदी मार्जिन मनी के रूप में स्वयं लगाना होगा, बाकी राशि ऋण के रूप में किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक से आपको प्राप्त हो सकती है ।