डिपार्टमेंटल स्टोर, सुपर बाजार और मॉल के बाद अब सुपर मॉल तेजी से खुलते जा रहे हैं, जहाँ विनिर्माण कंपनियाँ और ऑर्डर सप्लायर्स सीधे अपने सामान कम मूल्यों पर उपभोक्ताओं को बेचते हैं । विक्रय की यह कला खुदरा व्यापार या रिटेलिंग कहलाती है । रिटेलिंग के क्षेत्र में कार्यरत पेंटालून रिलायंस, टाटा, शॉपर्स स्टॉप जैसी कंपनियाँ अपनी ब्रांच हर सुपर मॉल, सुपर बाजार और डिपार्टमेंटल स्टोर में खोल रही हैं । हाल के कुछ वर्षों में रिटेलिंग एक बड़े और संगठित आकर्षक व्यवसाय के रूप में उभरा है । रिटेलिंग से जुड़े पाठ्यक्रमों में दाखिला स्नातक (बी.काम. को वरीयता) के बाद लिया जा सकता है । जबकि अल्पावधि के पाठ्यक्रमों में प्रवेश 10+2 परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मिलता है। रिटेलिंग से जुड़े प्रमुख पाठ्यक्रम निम्नवत हैं- रिटेलिंग एवं मर्केन्डाइजिंग में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा, रिटेल मैनेजमेंट और मार्केटिंग में एम.बी.ए., रिटेल सर्विस मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा, रिटेल कौशल में व्यावसायिक पाठ्यक्रम । स्नातक के साथ एम.बी.ए और रिटेलिंग में डिप्लोमाधारक के लिए रोजगार के उजले अवसर विद्यमान हैं । रिटेल मैनेजमेंट से संबंधित पाठ्यक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- रिटेल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई), 111/112 एस्कॉट सेंटर, होटल ली रायल मैरिडियल रोड, अंधेरी (पूर्व), मुंबई, एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्कूल स्टडीज, रोड नं.23, सेक्टर 32, इंस्टीट्यूशनल एरिया, गुडगाँव, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, पुष्पविहार, नई दिल्ली ।