मशीनों को नियंत्रित करने की तकनीक को रोबोटिक्स इंजीनियरिंग कहते हैं । मशीनी युग में रोबोटिक्स इंजीनियरिंग का महत्व उसी तरह है, जैसे शरीर का आत्मा से । अब हर छोटे-बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में इस तकनीक की माँग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है । रोबोटिक्स इंजीनियरिंग से स्पेशलाइजेशन करने वालों की मैन्यूफैक्चरिंग, रिसर्च, एग्रीकल्चर तथा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के रखरखाव के क्षेत्र में अच्छी माँग है । इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक, फार्मास्यूटिकल्स, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, रसायन, बायोमेडिकल, एवियोनिक्स तथा अंतरिक्ष से जुड़ी संस्थाओं में इनकी नियुक्तियाँ होती रहती है । इस टेक्नोलॉजी का ज्ञान पाने के लिए छात्र को बैचलर डिग्री के लिए बारहवीं गणित, भौतिक तथा रसायन विज्ञान 50 प्रतिशत अंकों के साथ पास करना अनिवार्य है । मास्टर प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए गेट की परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है । इस पाठ्यक्रम को कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, जाधवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी, सेंटर फॉर रोबोटिक्स एंड मैकेनिक्स, आई.आई.टी. कानपुर ।