वेबसाइट डिजाइनिंग एक ऐसा कॅरियर है, जो अवगत कराता है कि किस तरह खूबसूरत और उपयोगी वेबसाइट पेज बनाने की प्रोफेशनल स्किल डेवलप की जाए। विभिन्न कंपनियों और लोगों की वेबसाइट या वेबसाइट पेज के लुक, इफेक्ट्स तथा यूटीलिटी की उम्दा प्रस्तुति ही वेबसाइट डिजाइनिंग का मुख्य लक्ष्य होता है। वेबसाइट डिजाइनर हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी) के तहत किसी इंटरनेट की स्क्रीन पर दिखने वाले पेज डिजाइन करता है। वेबसाइट डिजाइनिंग एक कला है और कला के लिए रचनात्मकता, कल्पनाशीलता तथा नए प्रयोग करते रहने की ललक का होना बहुत आवश्यक है। परिश्रम, लगन तथा धैर्य दूसरे जरूरी गुण हैं क्योंकि कभी-कभी एक छोटा-सा कोड़ तैयार करने में तीन से छह घंटे का समय लग जाता है। सुलझी हुई मानसिकता तथा कलर और प्लेसिंग के सौंदर्य की परख इस फील्ड में एक वरदान की तरह है। हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (एचटीएमएल) सीएसएस तथा विजुअल बेसिक स्क्रिप्ट या जावा स्क्रिप्ट तो वेबसाइट डिजाइनिंग के लिए आवश्यक है ही, एडोब फोटोशॉप या कोरल फोटोपेंट जैसे फोटो एडिटिंग टूल का ज्ञान भी होना चाहिए। वर्तमान में ज्यादातर वेबसाइट एएसपी तथा फ्लैश में बनाई जा रही हैं, इसलिए इनका ज्ञान भी बहुत आवश्यक हो गया है। वेबसाइट डिजाइनिंग का पाठ्यक्रम कुछ संस्थानों में दसवीं के बाद तो कुछ संस्थानों में बारहवीं के बाद उपलब्ध है। पर्सनल स्किल तथा संस्था की साख के आधार पर दस से पंद्रह हजार रुपए प्रतिमाह तक का रोजगार आसानी से एक नवोदित वेबसाइट डिजाइनर को मिल जाता है। दूसरे सॉफ्टवेयर्स का ज्ञान और डिजाइनिंग की क्वालिटी के आधार पर वेतन बढ़ता जाता है। जिस रफ्तार के साथ इंटरनेट का प्रचार-प्रसार हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले समय में वेबसाइट डिजाइनरों की माँग में कोई कमी आने वाली नहीं है। वेबसाइट डेवलपमेंट तथा वेबसाइट प्रोग्रामिंग से आगे भी बढ़ा जा सकता है और ग्राफिक्स व एनिमेशन में भी आप खुद को स्थापित कर सकते हैं। वेबसाइट डिजाइनिंग से संबंधित पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं- एनआईआईटी, 8 बालाजी एस्टेट, सुदर्शन मुंजाल मार्ग, कालकाजी, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में एरिना मल्टीमीडिया संस्थानों में।