भारत दुनिया में ब्राजील के बाद चीनी उत्पादन करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि चीनी की खपत में भारत का विश्व में पहला स्थान है। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएँ हैं। जो युवा शुगर टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए अलग-अलग कोर्सों हेतु अलग-अलग शैक्षिक योग्यताएँ निर्धारित हैं। शुगर टेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करने के लिए उम्मीदवार को बीएससी (रसायन विषय के साथ) उत्तीर्ण होना आवश्यक है। जिन उम्मीदवारों ने न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ एमएससी केमेस्ट्री विषय से की हो, वे भारत के चुनिंदा कॉलेजों से शुगर टेक्नोलॉजी में पीएचडी कर सकते हैं। इन कोर्सों को करने के बाद सरकारी, अर्ध सरकारी, ऑटोनॉमस बॉडीज और केंद्र सरकार के अधीन प्रशिक्षण संस्थानों में रोजगार पा सकते हैं। पीएचडी करने के बाद उम्मीदवार की नियुक्ति बतौर लेक्चरर हो सकती है। शुगर टेक्नोलॉजी का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ शुगरकेन रिसर्च सेंटर, लखनऊ। नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट, कानपुर । नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट, पुणे।