स्पोर्ट्स साइकोलॉजी खेल विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है। पश्चिमी देशों सहित भारत में अब खिलाडिय़ों को उम्दा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने हेतु स्पोटर्स साइकोलॉजी का सहारा लिया जाता है। इस तकनीक के माध्यम से खिलाडिय़ों में जीत के प्रति इतनी ललक पैदा की जाती है कि खिलाड़ी इसे पाने के लिए अपनी शारीरिक क्षमताओं के चरम और कभी-कभी तो उससे भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर दिखाता है। स्पोटर्स साइकोलॉजिस्ट एक उभरता हुआ रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम को करने के बाद स्पोटर्स साइकोलॉजिस्ट के तौर पर आप किसी खिलाड़ी या टीम के प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर सकते हैं। आर्मी, स्पोटर्स सेंटर, स्पोर्ट्स स्कूल, स्पोटर्स क्लब, स्पोटर्स एकडेमी, कॉलेज, भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रशिक्षण केंद्र आदि में भी रोजगार के उजले अवसर हैं। अगर आप स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहते हैं तो स्वतंत्र स्पोटर्स साइकोलॉजिस्ट भी बन सकते हैं। अभी यह विद्या भारत में अपनी प्रारंभिक अवस्था में है। मौजूदा समय में स्पोटर्स साइकोलॉजी को सिखाने वाले पाठ्यक्रमों के रूप में अभी केवल पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन स्पोटर्स साइकोलॉजी ही उपलब्ध है। इस पाठ्यक्रम को करने के लिए आवेदक का साइकोलॉजी या फिजिकल एजुकेशन में स्नातक होना आवश्यक है। वर्तमान में यह पाठ्यक्रम एमिटी स्कूल ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, एमिटी कैंपस, सेक्टर-44, नोएडा, उत्तरप्रदेश में उपलब्ध है।