एग्रीटेक इनोवेटर: ये क्या करते हैं और खेती में उनका योगदान

एग्रीटेक इनोवेटर क्या होते हैं, ये क्या काम करते हैं?

भारत एक कृषि प्रधान देश है, हालांकि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन, जलसंकट और कृषि में घटती उत्पादकता जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। इन चुनौतियों का समाधान एग्रीटेक इनोवेटर में हैं जो कृषि और तकनीकी नवाचारों को जोड़कर खेती को स्मार्ट, अधिक कुशल और सतत बनाने के लिए कार्य करते हैं।

एग्रीटेक इनोवेटर आईओटी, एआई और सेंसर का उपयोग करके खेतों के बारे में रियल टाइम डेटा एकत्रित करते हैं ताकि किसानों को सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशकों से सही उपयोग करने के बारे में जानकारी मिल सके। प्रेसिशन एग्रीकल्चर में ड्रोन, जीपीएस सिस्टम्स और रिमोट सेंसिंग का उपयोग करके किसानों को पानी, उर्वरक और कीटनाशकों का सटीक उपयोग में मदद करते हैं।

सतत समाधान हाइड्रोपोनिक्स, वर्टिकल फार्मिंग और बायोफर्टिलाइजर्स जैसी तकनीकों को विकसित करते हैं, जो पारंपरिक खेती के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करती हैं। डिजिटल प्लेटफार्म्स का निर्माण करके किसानों को सीधे ग्राहकों से जोड़ने में मदद करते हैं। डेटा एनालिटिक्स और एआई-बड़े डेटा और मशीन लर्निंग का उपयोग करके फसल के उत्पादन, बाजार की प्रकृतियों और दीर्घकालिक निर्णयों पर विश्लेषण करते हैं।

भारत में कृषि क्षेत्र जलवायु परिवर्तन, घटती कृषि भूमि, जल संकट और अनिश्चित मौसम से प्रभावित हो रहा है। इन समस्याओं का समाधान तकनीकी नवाचार से ही संभव है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत का कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए हमें आधुनिक खेती को अपनाना होगा। एग्रीटेक इनोवेटर किसान को उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें। भारत सरकार भी पीएम-किसान योजना, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से एग्रीटेक को प्रोत्साहित कर रही है।

एग्रीटेक इनोवेटर बनने हेतु एआई, आईओटी, ब्लॉकचेन डेटा साइंस का ज्ञान, कृषि डेटा को समझने व विश्लेषण करने की क्षमता, कृषि की बुनियादी समझ और स्थानीय किसानों की जरूरतों का ज्ञान आवश्यक है।