आयुष्मान भारत योजना के 7 साल पूरे – दिल के इलाज पर सबसे ज्यादा खर्च


आयुष्मान ने दिल को दी राहत, देश में सबसे अधिक खर्च इसी के उपचार पर

आयुष्मान भारत योजना को लागू हुए 7 साल पूरे हो गए हैं। यह योजना 12 सितंबर 2018 को शुरू हुई थी और तब से अब तक देशभर में 9 करोड़ से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल चुका है। इस योजना ने विशेष रूप से मरीजों के ‘दिल’ को बड़ी राहत दी है।

योजना के अंतर्गत सबसे अधिक खर्च दिल की बीमारियों (कार्डियोलॉजी) के इलाज में हुआ है। देशभर में दिल की बीमारियों के इलाज पर 4222 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यदि इसमें दिल की सर्जरी5500 करोड़ रुपये से अधिक हो जाता है। अगर यह योजना नहीं होती तो यह रकम गरीब मरीजों को अपनी जेब से चुकानी पड़ती।

जनरल मेडिसिन और संक्रामक रोगों में भी भारी उपचार

देश में योजना के लाभार्थियों में सबसे अधिक संख्या जनरल मेडिसिन के मरीजों की रही है। 1 करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों ने सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज कराया है। दूसरी सबसे बड़ी संख्या संक्रामक रोगों से पीड़ितों की रही, खासकर कोरोना काल

राज्यों में सर्वाधिक आयुष्मान कार्ड

  • उत्तर प्रदेश – सबसे अधिक आयुष्मान कार्ड बने
  • मध्य प्रदेश – दूसरे नंबर पर

राज्यवार अस्पतालों की स्थिति

मध्यप्रदेश में योजना के अंतर्गत कुल 1446 अस्पताल पंजीकृत हैं, जिनमें 818 सरकारी और 628 निजी अस्पताल शामिल हैं। इनमें से अधिकतर अस्पताल सिर्फ दो-तीन विशेषज्ञता

इसके विपरीत उत्तर प्रदेश में 5901 अस्पताल इस योजना से जुड़े हुए हैं, जिससे यह राज्य सबसे आगे

राज्यवार चिन्हित अस्पतालों की संख्या

  • उत्तर प्रदेश – 5901
  • कर्नाटक – 3926
  • गुजरात – 2656
  • तमिलनाडु – 2305
  • राजस्थान – 1906
  • महाराष्ट्र – 1701
  • हरियाणा – 1679
  • छत्तीसगढ़ – 1662
  • तेलंगाना – 1469
  • मध्य प्रदेश – 1446




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