बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश (Bangladesh) की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश में इस समय आरक्षण मुद्दे पर चल रहा विवाद बहुत ज़्यादा बढ़ गया है और इस वजह से देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन दंगों की वजह से 300 लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में शेख हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा था और आज बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार-उज़-ज़मान (Waker-uz-Zaman) ने भी शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया। ऐसे में शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देकर अपनी बहन शेख रेहाना (Sheikh Rehana) के साथ देश छोड़कर भाग गई। खत्म हुआ शेख हसीना का 15 साल का राज इस्तीफे के साथ ही शेख हसीना का 15 साल का राज भी खत्म हो गया है। 76 वर्षीय शेख हसीना 6 जनवरी, 2009 को पहली बार बांग्लादेश की पीएम बनी थी। आज, 5 अगस्त, 2024 को इस्तीफे के साथ ही उनका पीएम पद का 15 साल का लंबा कार्यकाल खत्म हो गया है।
बांग्लादेश में तख्तापलट
बांग्लागदेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने व्या।पक विरोध प्रदर्शनों के बाद इस्तीदफा दे दिया है. शेख हसीना के इस्तीiफे के बाद बांग्लानदेश की सेना (Bangladesh Army) ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया है. बांग्लाेदेश का घटनाक्रम भारत के लिए बहुत अहम है. बांग्लािदेश भारत का मित्र देश है और शेख हसीना सरकार से भारत के काफी अच्छे संबंध रहे हैं. हालांकि बांग्ला देश में तख्ताछपलट और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद भारत को बेहद चौकन्ना् रहने की जरूरत है। भारत के आसपास कई पड़ोसी देश राजनीतिक और आर्थिक तौर पर अस्थिर हैं और इसका असर भारत पर भी पड़ता है।पूर्व राजनयिक दीपक वोहरा ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा कि बांग्ला्देश में इस्लावमिक रेडिकलाइजेशन बढ़ रहा है और वहां की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है. साथ ही उन्होंिने कहा कि रिजर्वेशन सिर्फ बहाना था. बांग्लाेदेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रिजर्वेशन तो हट गया था, लेकिन कुछ विदेशी ताकतों ने यह शुरू किया क्योंटकि शेख हसीना मजबूत शासक हैं. वह किसी की बात को नहीं सुनती हैं और वह वही करती हैं, जो उनके लिए देश के लिए बेहतर होता है।