बानू मुश्ताक को 2025 का बुकर पुरस्कार
कन्नड़ लेखिका बानू मुश्ताक ने अपनी पुस्तक 'हार्ट लैंप' के लिए 2025 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता, जिससे वह यह पुरस्कार पाने वाली दूसरी भारतीय लेखिका बन गईं। इस पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद दीप भास्थी ने किया है। 'हार्ट लैंप' 12 लघु कहानियों का संग्रह है, जो दक्षिण भारत के मुस्लिम समाज में महिलाओं के जीवन को दर्शाता है। बानू मुश्ताक, जो एक भारतीय लेखिका, अधिवक्ता और महिला कार्यकर्ता हैं, ने 2025 में 'हार्ट लैंप' के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 50 हजार पाउंड की धनराशि के साथ स्मृतिचिन्ह दिया गया है।
यह कन्नड़ में लिखी गई पहली कहानी संग्रह है जिसे लंदन में 20 मई को सम्मानित किया गया। मूलत: कन्नड़ में लिखी 'हार्ट लैंप' का दीप भास्थी ने अंग्रेजी में अनुवाद किया। दीप भास्थी को भी इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बानू मुश्ताक ने छह लघु कहानी संग्रहों, एक उपन्यास, एक निबंध संग्रह और एक कविता संग्रह की लेखिका हैं।
बानू मुश्ताक, जो कन्नड़ साहित्य में विशेषज्ञता रखती हैं, ने कर्नाटक साहित्य अकादमी और दाना चिंतामणि अत्तिमब्बे पुरस्कार जैसे प्रमुख पुरस्कार जीते हैं। मुश्ताक बुकर पुरस्कार जीतने वाली दूसरी भारतीय लेखिका बन गईं, जिनकी पुस्तक किसी भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवादित है।
'हार्ट लैंप' कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवादित पहली विजेता पुस्तक है। इससे पहले, 2022 में गीतांजलि श्री ने 'टोंब आफ सैंड' उपन्यास के लिए बुकर पुरस्कार जीता था, जो हिंदी से अंग्रेजी में अनुवादित था। 'हार्ट लैंप' का कन्नड़ से अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली कर्नाटक की लेखिका और साहित्यिक अनुवादक दीप भास्थी ने अंग्रेजी में कई पुस्तकों का अनुवाद किया है, जिनमें कोटा शिवराम कर्णाथ का एक उपन्यास और कोडागिना गौराम्मा की लघु कहानियों का संग्रह शामिल है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मुश्ताक को 2025 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने पर बधाई दी। सिद्दरमैया ने एक्स पर लिखा, 'कन्नड़ की शान, लेखिका बानू मुश्ताक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिलने पर दिल से बधाई। यह कन्नड़, कन्नडि़यों और कर्नाटक के लिए जश्न मनाने का क्षण है।' उन्होंने 'हार्ट लैंप' के अंग्रेजी अनुवाद के लिए लेखिका दीप भास्थी को भी बधाई दी।
दीप भास्थी ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि वह लंबे समय तक लिखती रहें और कन्नड़ की महक को दुनिया में फैलाती रहें।' अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2025 के जजों के अध्यक्ष मैक्स पोर्टर ने पुस्तक की प्रशंसा की और इसे सुनने में आनंद बताया, जिसमें जूरी के विभिन्न दृष्टिकोणों से पुस्तक की विकासशील प्रशंसा का उल्लेख किया गया।
बुकर पुरस्कार की वेबसाइट के अनुसार, बानू मुश्ताक की 'हार्ट लैंप' में 12 लघु कहानियों का संग्रह है, जो दक्षिण भारत के मुस्लिम पितृसत्तात्मक समुदाय में महिलाओं और लड़कियों के दैनिक जीवन को दर्शाता है। विभिन्न कहानियों में मुस्लिम समाज की मेधावी बच्चियों, ढीठ दादियों, मसखरे जैसे मौलवियों और ठग भाइयों के कुछ तीखे कुछ खट्टे किस्से हैं।
आत्मकथा शैली की काल्पनिक घटनाओं में बानू के महिला कार्यकर्ता और अधिवक्ता के दौर के अनुभवों का भी पुट है। यह संग्रह 1990 से 2023 यानी तीस साल के बीच की अवधि की 12 कहानियों का समावेश करता है। मूलत: कन्नड़ में लिखी रोजमर्रा की चुटीली कहानियों में उर्दू और फारसी के शब्दों ने कहानियों के माहौल को गढ़ दिया है।