पहले भारतीय अधिवक्ता को मिला "मेडल ऑफ ऑनर" सम्मान
दिनांक: 13 मई
13 मई को जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक भुवन ऋभु को वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने "मेडल ऑफ ऑनर" से सम्मानित किया। वे यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय अधिवक्ता बने। यह पुरस्कार उन्हें वर्ल्ड लॉ कांग्रेस की बैठक में प्रदान किया गया।
भुवन ऋभु का बिहार, विशेषकर अररिया जिला से गहरा जुड़ाव है। वे यहां जागरण कल्याण भारती के साथ मिलकर बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन दुनिया का सबसे बड़ा कानूनी हस्तक्षेप नेटवर्क है जो भारत के 416 जिलों में सक्रिय है।
अररिया जिले में यह संगठन बाल विवाह और बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए कार्य कर रहा है। भुवन ऋभु के कानूनी और रणनीतिक मार्गदर्शन में अररिया को वर्ष 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
उनके कानूनी हस्तक्षेपों से शोषण और उत्पीड़न झेल रहे बच्चों को राहत मिली है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान से बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और अररिया को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रयासों को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।