बिम्सटेक: भारत के लिए और क्षेत्रीय सहयोग का महत्व


बिम्सटेक क्या है? यह भारत के लिए क्यों मह्त्वपूर्ण है?

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे हैं। बिम्सटेक की स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से की गई थी। वर्तमान में इसके सात सदस्य देश हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।

बिम्सटेक और भारत

बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अप्रैल को बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे हैं। इस दौरान बैंकॉक में पीएम मोदी का गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की है। उनका थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न के साथ मुलाकात की भी संभावना है। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले से ही बैंकॉक में हैं। उन्होंने आज 20वीं बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। ऐसे में सवाल उठता है कि बिम्सटेक क्या है और यह भारत के लिए क्यों इतना जरूरी है कि पीएम मोदी और एस जयशंकर इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए बैंकॉक पहुंचे हैं।

BIMSTEC: What is it? Why is it important for India?

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। बिम्सटेक की स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से की गई थी। वर्तमान में इसके सात सदस्य देश हैं, जिनमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।

बिम्सटेक क्या है?

बिम्सटेक का पूरा नाम बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) है। यह एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें बंगाल की खाड़ी के आसपास स्थित सात सदस्य देश शामिल हैं। इस उप-क्षेत्रीय संगठन की स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से की गई थी। सात सदस्य देशों में दक्षिण एशिया के पांच देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका- और दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देश- म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। मूल रूप से, इस ब्लॉक की शुरुआत चार सदस्य देशों के साथ हुई थी, जिसका नाम 'BIST-EC' (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) था।

कैसे बढ़ते गए बिम्सटेक के सदस्य?

22 दिसंबर 1997 को, म्यांमार बैंकॉक में एक विशेष मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान शामिल हुआ, जिसके परिणामस्वरूप समूह का नाम बदलकर 'BIMST-EC' (बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) कर दिया गया। छठी मंत्रिस्तरीय बैठक (फरवरी 2004, थाईलैंड) में नेपाल और भूटान को शामिल करने के परिणामस्वरूप संगठन का वर्तमान नाम 'बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल' (बिम्सटेक) रखा गया। बिम्सटेक के सदस्य देश व्यापार, निवेश और विकास; कृषि, मत्स्य पालन और पशुधन; पर्यटन; सुरक्षा; पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन; और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं।

भारत के लिए BIMSTEC क्यों महत्वपूर्ण है?

अमेरिका-चीन के बीच मची खींचतान के कारण एशिया में अस्थिरता बढ़ रही है। चीन अपनी समुद्री और नौसैनिक क्षमताओं का विस्तार कर रहा है। इससे बंगाल की खाड़ी एक बार फिर विवादित क्षेत्र बन रही है। इससे हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने में BIMSTEC भारत के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। इस क्षेत्र के देशों को मिलाकर बनाया गया दूसरा संगठन दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC) पाकिस्तान की हरकतों के कारण निष्क्रिय पड़ा हुआ है। वहीं, चीनी कर्ज के तले दबा श्रीलंका खुद को बीजिंग से दूर कर रहा है। जबकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चीन के इशारों पर नाच रही है। ऐसे हालात में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को अहम माना जा रहा है।

बिम्सटेक कितना ताकतवर संगठन है?

बिम्सटेक के सदस्य देशों की आबादी 1.67 बिलियन है, वहीं कुल जीडीपी $2.88 ट्रिलियन है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, बिम्सटेक के भीतर व्यापार 2000 में $5 बिलियन से बढ़कर 2023 में $60 बिलियन हो गया है। हालांकि, दो दशकों से चल रही बातचीत के बावजूद, इस क्षेत्र ने अभी तक एक क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया है।

कैसे चुना जाता है बिम्सटेक का अध्यक्ष?

बिम्सटेक की अध्यक्षता सदस्य देशों के अंग्रेजी नामों के आधार पर वर्णानुक्रम में घूमती है। अध्यक्षता का हस्तांतरण शिखर सम्मेलन की बैठक के दौरान होता है, जहां वर्तमान अध्यक्षता करने वाला सदस्य राष्ट्र शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है और वर्णमाला क्रम में अगले सदस्य राज्य को अध्यक्षता सौंपता है। भारत ने 2000 में और 2006 से 2008 तक BIMSTEC की अध्यक्षता की। थाईलैंड 2022 से अध्यक्ष है और बांग्लादेश अगले स्थान पर है।

Source: BIMSTEC Summit, Bangkok | April 2025




पत्रिका

...
Pratiyogita Nirdeshika January 2026
और देखे
...
Books for MPPSC Exam Preparation 2026 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
और देखे
...
Pratiyogita Nirdeshika December 2025
और देखे
...
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
और देखे