केयरएज की रिपोर्ट: देश की घरेलू बचत घट रही, कर्ज दोगुना
एक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024 में भारतीय परिवारों की सेविंग्स लगातार तीसरे साल घटी हैं, जबकि देनदारी पिछले 10 वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है। इसका मतलब है कि लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ज्यादा कर्ज ले रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत भले ही दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन आम परिवारों की वित्तीय स्थिति में गिरावट आई है। केयरएज रेटिंग्स के अनुसार, FY24 में घरेलू बचत घटकर GDP का 18.1% रह गई, जो पहले की तुलना में काफी कम है।
वहीं ग्रॉस डोमेस्टिक सेविंग्स FY15 में GDP का 32.2% थी, जो FY24 में घटकर 30.7% रह गई। दूसरी ओर, घरेलू देनदारियां GDP का 6.2% हो गई हैं जो पिछले 10 वर्षों में लगभग दोगुनी वृद्धि को दर्शाती हैं।
रिपोर्ट में एक सकारात्मक पहलू यह बताया गया है कि ग्रामीण भारत की स्थिति थोड़ी बेहतर है। फरवरी 2024 में ग्रामीण पुरुषों की मजदूरी में 6.1% की वृद्धि हुई है, और यह लगातार चौथा महीना है जब मजदूरी में वृद्धि ग्रामीण महंगाई दर से अधिक रही है।
इसका अर्थ है कि गांवों में लोगों की आमदनी बढ़ी है, जबकि शहरी क्षेत्रों में कर्ज और खर्च के दबाव ने परिवारों की वित्तीय सेहत पर असर डाला है। यह रिपोर्ट भारत के आम परिवारों की आर्थिक स्थिरता पर गंभीर सवाल उठाती है।