चीन ने तकनीकी विशेषज्ञों की विदेश यात्रा पर लगाई रोक
7 जुलाई को चीन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए दुर्लभ मृदा और चुम्बक निर्माण में विशेषज्ञता रखने वाले तकनीकी विशेषज्ञों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी है। इस निर्णय से भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों पर सीधा असर पड़ेगा, जिन्हें अब चुम्बकों से चलने वाली पूरी मोटर का आयात करना पड़ेगा, जिससे उत्पादन लागत बढ़ेगी।
चीन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि दुर्लभ मृदा खनिजों के प्रसंस्करण और चुम्बक निर्माण में उसकी वैश्विक श्रेष्ठता बनी रहे। हाल ही में फॉक्सकॉन ने भारत में iPhone फैक्ट्रियों से चीनी तकनीशियनों और इंजीनियरों को वापस बुला लिया था।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी दुर्लभ मृदा कंपनियों से उन कर्मचारियों की सूची मांगी है जो इस क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता और अनुसंधान क्षमताएं रखते हैं। इसका उद्देश्य है कि ऐसे विशेषज्ञ जांच के दायरे में रहें और किसी भी स्थिति में विदेश यात्रा न करें ताकि संवेदनशील तकनीक बाहर न जा सके।
यह निर्णय चीन की उस नीति का हिस्सा है जिसमें वह अपनी रणनीतिक तकनीकों की रक्षा कर रहा है। इससे उन देशों और कंपनियों को झटका लग सकता है जो चीन की विशेषज्ञता पर निर्भर हैं, खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर में।