केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर 2023 को जवाब दिया है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि जनता को राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी चंदे के सोर्स के बारे में जानने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने चुनावी चंदा हासिल करने वाले इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम की वैधता का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि जनता के पास राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी चंदे का स्रोत जानने का मौलिक अधिकार नहीं है।
अटॉर्नी जनरल ने अदालत में चार पेज का लिखित जवाब दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉल बॉन्ड योजना में चंदा देने वाले को गोपनीयता का लाभ मिलता है। उन्होंने अदालत में कहा, 'इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम संविधान के अनुच्छेद 19(2) के दायरे में है, जो सरकार को मौलिक अधिकारों के प्रयोग पर उचित प्रतिबंध लगाने की अनुमति देती है। 16 अक्टूबर को इलेक्ट्रॉल बॉन्ड स्कीम को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बेंच को रेफर किया था। अदालत ने याचिका की महत्ता को देखते हुए फैसले के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया था।