पांच वर्ष में दोगुना हुए क्रेडिट कार्ड: आरबीआई रिपोर्ट


पांच वर्ष में दोगुना हुए क्रेडिट कार्ड: आरबीआई रिपोर्ट

आरबीआई की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्षों में क्रेडिट कार्ड का उपयोग सालाना आधार पर 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। इस दौरान डेबिट कार्ड के उपयोग में कमी आई है। वर्तमान में पूरे देश में कुल 1.099 बिलियन कार्ड चलन में हैं, जिनमें क्रेडिट और डेबिट कार्ड दोनों शामिल हैं। प्राइवेट बैंकों ने सबसे अधिक क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं, और ये कार्ड अब अधिकतर लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं, जो बिजली, पानी के बिल, शॉपिंग और अन्य सुविधाओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यही कारण है कि क्रेडिट कार्ड की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

आरबीआई की रिपोर्ट में क्रेडिट कार्ड से जुड़े कुछ दिलचस्प आंकड़े सामने आए हैं। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2019 में 5.53 करोड़ क्रेडिट कार्ड चलन में थे। दिसंबर 2024 के अंत तक इनकी संख्या बढ़कर लगभग 10.8 करोड़ हो गई, जो दोगुनी से अधिक है। दूसरी ओर, डेबिट कार्ड का उपयोग स्थिर रहा। कैलेंडर वर्ष 2024 में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 447.23 करोड़ पेमेंट ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल राशि 20.37 लाख करोड़ रुपये थी। जबकि डेबिट कार्ड से 173.90 करोड़ पेमेंट ट्रांजैक्शन हुए, जिनका मूल्य 5.16 लाख करोड़ रुपये था।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले वर्षों में क्रेडिट कार्ड की संख्या सालाना 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। हालांकि, डेबिट कार्ड का उपयोग कम हुआ है। वर्तमान में पूरे देश में क्रेडिट और डेबिट कार्ड की कुल संख्या 1.099 बिलियन है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के क्रेडिट कार्ड दिसंबर 2019 के अंत तक 1.22 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2024 के अंत तक 2.57 करोड़ हो गए, जो 110 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। दिसंबर 2024 तक निजी क्षेत्र के बैंकों के पास 71 प्रतिशत क्रेडिट कार्ड बाजार हिस्सेदारी थी, और उनके पास 7.66 करोड़ कार्ड हैं। इन बैंकों ने शहरी और संपन्न ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजिटल समाधानों और को-ब्रांडेड कार्डों को अपनाया है। को-ब्रांडेड कार्ड का मतलब है कि बैंक किसी अन्य चर्चित प्लेटफॉर्म, जैसे फ्लिपकार्ट और अमेजन के साथ मिलकर कार्ड लॉन्च करते हैं, जिससे उस प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग करने पर अतिरिक्त छूट मिलती है।

विदेशी बैंकों के क्रेडिट कार्ड की संख्या में गिरावट देखी गई है। पिछले पांच वर्षों में, उनके क्रेडिट कार्ड की संख्या 65.79 लाख से घटकर 45.94 लाख रह गई है। उनकी बाजार हिस्सेदारी दिसंबर 2019 से दिसंबर 2024 तक 11.9 प्रतिशत से घटकर 4.3 प्रतिशत हो गई है। इसकी वजह विदेशी बैंकों द्वारा अधिक शुल्क वसूलने या सख्त क्रेडिट नीतियां हो सकती हैं।

छोटे वित्तीय बैंकों (SFBs) ने भी क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में प्रवेश किया है और दिसंबर 2024 के अंत तक 10.97 लाख कार्ड जारी किए हैं। ये बैंक मुख्य रूप से कम सेवा प्राप्त क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहे हैं।




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