ब्रिटेन और ईयू ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए
यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं जिससे रूस का तेल व्यापार प्रभावित हो सकता है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य रूस के पहचान छिपाकर चलने वाले तेल टैंकरों और वित्तीय कंपनियों के संचालन को रोकना है।
रूसी तेल व्यापार पर असर
20 मई को यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूस पर ऐसे नए प्रतिबंध लगाए जिनका उद्देश्य रूस के तेल निर्यात को सीमित करना है। जी7 देशों द्वारा तय की गई $60 प्रति बैरल की सीमा से ऊपर तेल बेचने वाले टैंकरों को भी रोका जाएगा। इससे भारत के साथ चलने वाले रूसी तेल व्यापार पर असर पड़ सकता है।
शैडो टैंकर और वित्तीय कंपनियां निशाने पर
इन नए प्रतिबंधों में उन टैंकरों को निशाना बनाया गया है जो अपनी पहचान छुपाकर काम करते हैं और साथ ही उन वित्तीय नेटवर्क को भी जिनकी मदद से ये व्यापार संचालित होता है। यह कदम पुराने प्रतिबंधों को और प्रभावी बनाने की दिशा में लिया गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और पृष्ठभूमि
ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड के नेताओं ने हाल ही में कीव का दौरा किया और रूस से तत्काल युद्धविराम की मांग की थी। जबकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूस के प्रति नरम नीति के चलते अमेरिका इन प्रतिबंधों से बाहर रहा।
भविष्य के प्रतिबंध
ईयू की विदेश मामलों की प्रमुख काजा कलास ने कहा कि रूस पर और भी कड़े प्रतिबंधों की तैयारी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि, "जितना रूस युद्ध को लंबा खींचेगा, प्रतिबंध उतने ही सख्त होंगे।"